असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, सियासत में सिर्फ ताकतवरों की आवाज सुनी जाती है। मतलब जिस कौम के सांसद या विधायक नुमाइंदी कर रहे हैं, सिर्फ उन्हें सुना जाता है। उन्होंने कहा कि हर जाति का एक नेता है, लेकिन मुसलमानों का कोई नेता नहीं है। यूपी में मुस्लिम आबादी 19 फीसदी है, लेकिन उनका एक भी नेता नहीं है। मेरी तमन्ना है कि मरने से पहले यूपी में 100 मुसलमान नेता हों। इसके लिए मुस्लिमों को एकजुट होकर वोट देना होगा।
ओवैसी के निशाने पर सपा-बसपा और कांग्रेस
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने कानपुर में इसलिए रैली करने का फैसला किया है क्योंकि दिसंबर 2020 में यहां पर मोहम्मद रईस, मोहम्मद आफताब आलम और मोहम्मद सैफ के सीने में पुलिस ने गोली मार दी थी। वह शहीद हो गए थे। पुलिस ने मौलाना कलीम सिद्दीको जेल भेज दिया, लेकिन कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादियों ने कुछ नहीं कहा। उन्हें इस बात का डर है कि उनके वोट न छिटक जाएं। अगर अब भी मुसलमान नहीं जागा तो तो नुकसान होगा।