विदित हो कि लगातार माओवादी की सर्चिंग पुलिस बल व बीएसएफ के द्वारा किया जा रहा है। माओावादियों के संगठन पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। माओवादी अब हाईटेक योजना के तहत काम कर जवानों को नुकसान पहुंचाने की योजना में लगे हैं,जिसमें भी उन्हे असफलता हाथ लग रही है। सोमवार को छोटेबेठिया थाना के मारबेड़ा में बैनर-पोस्टर लगाने की खबर पुलिस को मिली थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो बैनर में एक ब्लूटूथ डिवाइस सेट को जप्त किया गया। ब्लूटूथ डिवाइस से एक किलोमीटर दूरी पर आईईडी मिला,जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है। विदित हो कि 23 नवंबर को कांकेर के पीव्ही 91 के पास चितरंजन नगर गांव में माओवादियों ने टावर में बैनर लगाए थे। सूचना पर जब सुरक्षा बल के जवान पहुंचे तो उन्हेें वायर लगा एक डिवाइस दिखा,जो बाद में ब्लूटूथ स्पीकर निकला, लेकिन वहां आईईडी नहीं मिला था।
हालांकि इस बार नक्सलियों ने ब्लूट्रूथ डिवाइस को सहारा बनाकर पास में आईईडी लगाया था। ताकि जवान भ्रमित हो और उन्हेें नुकसान पहुंचाया जा सके। इस संबंध में पंखाजूर एसडीओपी रवि कुजूर ने कहा कि माओवादियों ने बैनर पोस्टर लगाकर हमें गुमराह करने के लिए ब्लूटूथ स्पीकर से कुछ ही दूरी पर एक किलो का आईईडी जवानों ने बरामद किया है। मौके पर आईईडी को निष्क्रिय कर दिया गया है। जवानों की सूझबूझ से माओवादियों की साजिश एक बार फिर नाकाम हुई है। बताते चले ंकि माओवादियों व्दारा बैनर के माध्यम से पीएलजीए की 23 वीं वर्षगांठ 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक मनाने का प्रचार कर रहे हैं।