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ज्योति कलश स्थापित कराने में सभी ग्रामीणों एवं पंचायत ने भरपूर सहयोग दिया है । इस मानसगान एवं व्याख्यान में सरोना सहित आसपास के गांवों से कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लग रही। पंचमी दिवस की मानस कथा में पावन गंगा महिला मानस मठमुरैना की प्रस्तुति की गई। कथावचक ने श्रोता समाज के बीच रामचन्द्र के चौदह वर्ष बनवास की प्रसंग के दौरान सीता हरण कथा के व्याख्यान पर रावण की भूमिका या दस अवगुण पर सरल भाषा में बखान कर रही थीं एवं लोक गायिका की प्यारा भजन परबुधिया होंगे।
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इसी प्रकार अंतिम चौथे दिवस का व्याख्यान एवं गान में किंकर मानस प्रचार फिंगेश्वर गरियाबंद की प्रस्तुति में कथा वाचक पोखराज साहू ने माया और मोह पर अपनी बात को जन मानस तक कथा एवं उदाहरण देकर प्रस्तुत किया।
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इसी दौरान मंडली के भजन मोर जिंदगी के डोंगा लाओ दाई, तै पार लगा देबे ना दाई श्रोताओं को मंत्रमुक्त कर लिया एवं इसी मंडली की मुख्य कलाकार शेखू निषाद द्वारा ग्रामीणों की आग्रह पर मंच में नाचकर श्रोता गणों का भरपूर आनंद प्रदान किया। इस अवसर पर आयोजक समिति के सरपंच जीवन नेताम, यशवंत सुरोजिया, सुरेश साहू, बीएल साहू, हिमन कोर्राम, रामभरोस मंडावी, अजय हिरवानी सहित अन्य उपस्थित रहे।