CG News: महिलाएं अपनी दयनीय स्थिति को लेकर चिंतित
कोरोनाकाल से पहले तक तो वे फिर भी किसी तरह आगे-पीछे किस्त पटा देती थीं। महामारी के बाद ज्यादातर की हालत खराब है। महिलाएं अपनी दयनीय स्थिति को लेकर चिंतित हैं। आर्थिक तंगी से जूझते हुए उन्होंने महिला समूह बनाकर फाइनेंस कंपनियों से लोन लिया था। इन लोन के जरिए वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही थीं। पहले तो सब ठीक चला, लेकिन
कोरोनाकाल में सब कुछ ठप हो गया। काम नहीं मिला। किस्तें चुकाना मुश्किल हो गया। अब जब वे लोन की राशि नहीं चुका पा रही हैं। एजेंट घर आकर सामान छिनने लगे हैं। (CG News) महिलाओं ने बताया कि पहले तो वे सही समय पर किस्तें चुकाती थीं। अब वे असमर्थ हो गईं, तो एजेंट घरों पर आकर दुर्व्यवहार करने लगे। वे उन्हें गालियां देते हैं।
अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खटखटाया प्रशासन का दरवाजा
घर का जरूरी सामान गैस सिलेंडर, बर्तन और अन्य चीजें उठा लेते हैं। कई बार तो महिलाओं के साथ मारपीट भी की गई है। इस सब से तंग आकर सोमवार को महिलाएं कलेक्टर से मिलीं। उन्होंने मांग की कि रिकवरी एजेंटों और फायनेंस कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। महिलाओं की इस स्थिति से साफ है कि उनके साथ न केवल आर्थिक, बल्कि मानसिक और शारीरिक अत्याचार हो रहा है। उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है। अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।
बच्चे को पढ़ाने लिया लोन बना सिर दर्द
महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि वे रोजी मजदूरी कर अपनी किस्तें चुकाती थीं। महामारी ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली। अब उनका हाल यह है कि वे कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, हमने अपने बच्चों को पढ़ाने और परिवार चलाने लोन लिया था। चुका नहीं पा रही तो ये हमें धमकी देते हैं। महिलाएं बताती हैं कि जब वे किस्तें जमा करने में देरी करती हैं, तो रिकवरी एजेंट घर आते हैं। वे न केवल गालियां देते हैं, बल्कि सामान भी छीन लेते हैं।
घर से गैस, सिलेंडर उठा ले गए, विरोध करने पर दी धमकी
एक महिला ने बताया, एक बार रिकवरी एजेंट ने मेरे घर से गैस सिलेंडर ले लिया। जब मैंने विरोध किया, तो मुझे मारने की भी धमकी दी गई। महिलाओं का कहना है कि ये एजेंट उन्हें अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। उनकी मानसिक स्थिति भी खराब हो रही है। महिला ने कहा, हम समझ नहीं पा रहे हैं कि हमें क्या करना चाहिए। प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन हमें सुनने वाला कोई नहीं है। ये महिलाएं अब एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने का फैसला कर चुकी हैं। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें सुरक्षा और न्याय दिलाया जाए।
पहले ऑफर देकर लुभाते हैं, फिर गला दबाने लगते हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में फायनेंस कंपनियों ने एक तरह से लूट मचाई हुई है। पहले ये कंपनियां लोन के लिए ऑफर देती हैं। बाद में जब महिलाएं लोन चुकाने में असमर्थ होती हैं, तो रिकवरी एजेंट उन पर दबाव डालते हैं।
(CG News) एक महिला ने कहा, हमने परिवार की भलाई के लिए लोन लिया था।
अब ये लोग हमें लूट रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि बीएसएस फाइनेंस, प्रगति फाइनेंस, अन्नपूर्णा फाइनेंस और बंधन बैंक जैसी कई कंपनियां गांवों में सक्रिय हैं। ये कंपनियां पहले तो आसानी से लोन देती हैं, लेकिन जब समय आता है चुकाने का तब ये लोगों को दवाब में लाने लगती हैं।
आरबीआई के नियमों का उल्लंघन कर रहे
CG News: रिकवरी एजेंट नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार, किसी भी रिकवरी एजेंट को घर आने से पहले ग्राहक को होम विजिट लेटर देना चाहिए। लेकिन यहां नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए महिलाओं के घरों में घुस जाते हैं। महिलाओं ने कहा, ये लोग सुबह-सुबह हमारे घर आते हैं। इससे हमारे घर के दूसरे काम नहीं हो पाते। आरबीआई का नियम है कि सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद कोई कॉल नहीं करेगा, लेकिन ये लोग इस नियम का पालन नहीं करते। महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि रिकवरी एजेंटों के खिलाफ सत कार्रवाई की जाए। वे चाहती हैं कि उन्हें सुरक्षा मिले और उनके हक की रक्षा की जाए।