बताते चलें कि प्रियंका विश्नोई का 6 सितम्बर को
जोधपुर में ऑपरेशन किया गया था। उसके अगले दिन उनकी इलाज के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी। उसके बाद विश्नोई को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। करीब 10 दिन बाद बुधवार रात को उन्होंने अंतिम सांस ली।
CM भजनलाल ने जताया दुख
एडीएम द्वितीय ओमप्रकाश विश्नोई ने बताया कि उनकी अंत्येष्टि गुरुवार को फलोदी के पास सुरपुरा गांव में होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी उनकी मृत्यु पर शोक जताया है। कौन थी प्रियंका विश्नोई
राजस्थान के
बीकानेर जिले में एक छोटे से गांव की रहने वाली प्रियंका विश्नोई 2016 में आरएएस परीक्षा में सफल हुई। प्रियंका ने अपनी RAS की जर्नी एक इंटरव्यू में शेयर करते हुए बताया था कि ‘8वीं क्लास में एक प्रतियोगिता के दौरान उन्हें उपखंड अधिकारी से सम्मानित किया गया था और तभी से उनका रूतबा और लाल बत्ती की गाडी देखकर उनके मन में सिविल सेवा में जाने का सपना जाग उठा था। जिसके लिए पिता ने भी उन्हें काफी मोटीवेट किया था।
हालांकि ग्रेजुएशन के बाद प्रियंका ने बैंकिंग क्षेत्र में भी हाथ आजमाया और चयनित भी हुईं लेकिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में आगे नहीं बढ़ सकीं। इसके बाद आरएएस की तैयारी शुरू करके 2016 में सफलता प्राप्त की। जिसके बाद जोधपुर में सहायक कलक्टर (SDM) के पद पर कार्यभार संभाला, और अपनी कड़ी मेहनत व ईमानदारी और धाकड़ रुतबे के लिए पहचानी गईं। विश्नोई के पति विक्रम विश्नोई फलोदी में आबकारी निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
उपचार की उच्च स्तरीय जांच
कलक्टर गौरव अग्रवाल ने आरएएस प्रियंका विश्नोई के इलाज में लापरवाही की शिकायत पर जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। वसुंधरा अस्पताल में हुए इलाज की जांच के लिए डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या ने कमेटी में डॉ. रंजना देसाई, डॉ. इंदू थानवी, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. शुभकरण खींचड़ व डॉ. नवीन पालीवाल को शामिल किया है।
अस्पताल और चिकित्सक के आवास पर सुरक्षा बढ़ाई
ऐहतियात के तौर पर देर रात चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में वसुंधरा अस्पताल और संचालक के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई। पुलिस व आरएसी तैनात की गई है। थानाधिकारी नितिन दवे ने बताया कि ऐहतियातन पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। चेतक को अस्पताल का लगातार राउण्ड लगाने को कहा गया है।