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जोधपुर में राशन की निलंबित दुकानों से गेहूं के साथ किया जा ये काम, रसद विभाग बेखबर

पिछले दो महीने से रसद विभाग में यह खेल चल रहा है।

जोधपुरDec 13, 2017 / 12:52 pm

Gajendrasingh Dahiya

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जोधपुर . रसद विभाग की मिलीभगत से शहर में निलंबित राशन की कई दुकानें अपनी पोस मशीनों से गेहूं का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रही हैं। ऐसे १२ राशन डीलरों को नौ महीने पहले निलंबित किया गया था। निलंबित राशन डीलर गेहूं का उठाव भी कर रहे हैं और गेहूं का वितरण भी कर रहे हैं। पिछले दो महीने से रसद विभाग में यह खेल चल रहा है।

जिला रसद विभाग ने फरवरी २०१७ में गेहूं में घोटाले के आरोप में शहर के १२ राशन डीलरों का लाइसेंस निलंबित कर दिया था। इन १२ डीलर ने केवल एक महीने में १३ लाख रुपए के गेहूं का गबन किया था। इस मामले में प्रदेश के लोकायुक्त ने भी प्रसंज्ञान लिया। स्थानीय रसद विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के मद्देनजर राज्य सरकार इनकी जांच अतिरिक्त संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपी। पिछले कुछ समय से इन निलंबित राशन डीलर ने पोस मशीनों से ऑनलाइन गेहूं का आवंटन और वितरण शुरू कर दिया है। इससे इनके स्टॉक और वितरण में अंतर कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
निलंबित डीलर की पोस मशीनों से गेहूं का उठाव


इंस्पेक्टर बन रहे अनजान

१- पोस कोड १९२०५ से मई और जुलाई को छोड़ कर सात महीने गेहूं का उठाव व वितरण हुआ है।
२ -पोस कोड १९२२१ से सितम्बर से फिर गेहूं का आवंटन शुरू हो गया है।


३ -पोस कोड १९२२२ से अगस्त, सितम्बर और नवम्बर में गेहूं उठा।

४ – पोस कोड १८८५९ से केवल अगस्त में १० क्विंटल गेहूं आवंटित हुआ, लेकिन बगैर वितरण स्टॉक कम हो गया।

५ – पोस कोड १९२३३ से सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर में गेहूं का उठाव हुआ, लेकिन किसी भी उपभोक्ता को वितरित नहीं किया।

६ -पोस कोड १९५७० से अगस्त, अक्टूबर और नवम्बर में गेहूं का आवंटन हुआ, लेकिन एक महीने वितरण भी नहीं किया।

७ -पोस कोड १९२७७ से पिछले चार महीने से गेहूं का उठाव हो रहा है, लेकिन वितरण किसी को नहीं हो रहा।

८ -पोस कोड १९२८८ से अगस्त से लेकर दिसम्बर तक गेहूं का उठाव हुआ, लेकिन वितरण केवल नवम्बर और दिसम्बर में किया गया।

९ -पोस कोड १९५९३ से अगस्त में गेहूं उठा, लेकिन वितरण नहीं हुआ।

१० -पोस कोड १९६२६ से पिछले चार महीने से गेहूं का उठाव हो रहा है, लेकिन वितरण कभी नहीं किया गया।

११ -पोस कोड १९२०३ से अगस्त और सितम्बर में गेहूं का आवंटन हुआ, लेकिन वितरण नहीं।

बार-बार टालते रहे

जिला रसद विभाग के एकमात्र प्रवर्तन निरीक्षक मानवेंद्रसिंह से जब इस मामले से जुडे़ प्रश्न किए गए तो वे बार-बार टालते रहे। वे तो यह तक नहीं बता सके कि शहर में राशन की दुकानें कितनी हैं।
निलंबित दुकानें नहीं कर सकतीं ट्रांजेक्शन

शहर में वर्तमान में राशन की २७० दुकानों में से केवल २०५ दुकानों को गेहूं का आवंटन किया गया है। राशन की ६५ दुकानों का गेहूं का एक दाना भी नहीं मिला। इनमें वे दुकानें हैं, जो निलंबित या अटैच हैं। निलंबित दुकानों से सामान्यता ट्रांजेक्शन नहीं होता है। मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है।

-ओंकार कविया, कार्यवाहक जिला रसद अधिकारी (शहर), जोधपुर

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