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Jodhpur News: जोधपुर में पेयजल संकट की आहट… 9 साल बाद ऐसे हालात, महज 3 दिन का पानी बचा

Jodhpur News: कायलाना और तखतसागर: 20 दिन में 5 फीट पानी टूटा, राजीव गांधी नहर से पूरा पानी सप्लाई नहीं हो रहा

जोधपुरOct 23, 2024 / 07:36 am

Rakesh Mishra

Water Crisis in Jodhpur
Water Crisis in Jodhpur: जोधपुर शहर में पेयजल संकट की आहट सुनाई दे रही है। करीब 9 साल पहले यानि वर्ष 2015 के बाद ऐसा पहला मौका है जब कायलाना और तखतसागर का जलस्तर निरंतर कम होता जा रहा है। पीएचईडी के अनुसार वर्तमान में कायलाना में 51.4 और तखतसागर में 43.2 फीट पानी बचा है, जो महज तीन दिन तक ही शहरवासियों की प्यास बुझा सकता है। इसके चलते पीएचईडी पाइप लाइनों के रखरखाव के नाम पर शटडाउन ले रहा है।
शहर की प्यास बुझाने वाले कायलाना और तखतसागर में पिछले 20 दिन से 5 फीट पानी टूटा है। अधिकारियों के अनुसार राजीव गांधी नहर से पूरा पानी सप्लाई नहीं होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। जबकि पानी कम मिलने के चलते जलदाय विभाग ने शहर में जलापूर्ति के लिए इन दोनों जलाशयों से पानी लेना शुरू कर दिया। अब हालात ये हैं कि विभाग ने मेंटिनेंस की आड़ में शटडाउन लेना शुरू कर दिया है।

कैनाल से रोज 11 एमसीएफटी पानी

राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल से वर्तमान में प्रतिदिन 11-12 एमसीएफटी पानी आ रहा है, जबकि जोधपुर में 14 एमसीएफटी पानी की डिमांड है। ऐसे में पिछले 20 दिन से कायलाना और तखतसागर में जो पानी स्टोर है, वही पानी शहरवासियों को सप्लाई किया जा रहा है। इसमें नहर से होने वाली आवक से करीब सवा एमसीएफटी अधिक पानी शहरवासियों को स्टोर किए हुए पानी से सप्लाई किया जा रहा है। कायलाना और तखतसागर में आने वाले पानी की सप्लाई ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो रही है। 11 एमसीएफटी पानी शहर तथा 3 एमसीएफटी पानी ग्रामीण क्षेत्रों में दिया जा रहा है।

तेजी से कम हो रहा जलस्तर

दोनों जलाशयों में 20 दिन में 5 फीट पानी टूट गया है। इसी तेजी से पानी कम होता रहा तो दीपावली पर शहरवासियों को पानी सप्लाई करना पीएचईडी के लिए परेशानी का सबब बन जाएगा। विभाग रोजाना दो एमसीएफटी पानी जलाशयों के स्टोरेज से लेकर शहर में सप्लाई कर रहा है। इसके चलते लगातार जलस्तर कम होता जा रहा है। दोनों जलाशयों की क्षमता 360 एमसीएफटी है। इसमें से 260 एमसीएफटी पीने योग्य पानी रहता है।

गर्मी में बढ़ जाती है डिमांड

सर्दी में शहर में 12 एमसीएफटी पानी की खपत होती है, जबकि गर्मी में यह 14 से 15 एमसीएफटी तक हो जाती है। अभी नहर से शहर के लिए 11-12 एमसीएफटी पानी मिल रहा है। इनमें से ग्रामीण क्षेत्र की स्कीम उम्मेद सागर, डोली, धवा व कुड़ी के लिए 4 एमसीएफटी पानी दिया जा रहा है। इसके बाद शहर के लिए मात्र 8 एमसीएफटी ही बचता है।

शटडाउन लेकर ही समस्या का निवारण

गर्मी में पानी की डिमांड ज्यादा होती है। आगे से कुछ पानी कम आ रहा है। अब हम शटडाउन लेकर ही इस समस्या का समाधान कर पाएंगे। हो सकता है आगे क्लोजर भी लें। अप्रेल तक पूरा स्टोरेज करने का प्लान है।

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