गत 17 सितम्बर की रात वासुदेव इसरानी को गोली मारी गई थी। पुलिस की कई टीम वारदातस्थल के साथ ही इनके भाग निकलने वाले रूट पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। थानाधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि फुटेज खंगालने पर पदमराज डिपार्टमेंटल स्टोर के दूसरी तरफ दो युवक बार-बार पैदल ही पीले रंग की मोटरसाइकिल पर सवार दो शूटर के पास आते-जाते नजर आए हैं। पुलिस को अंदेशा है कि दोनों युवकों ने पहले रैकी की है। हथियार से लैस सुरक्षा गार्ड वीरेन्द्र पंवार के निकलते ही मौका मिल गया और दो युवकों ने शोरूम के बाहर पहुंचकर वासुदेव को गोली मार दी थी।
उधर, वारदात के बाद चारों आरोपियों के शहर व जिले के साथ ही राजस्थान से बाहर निकलने का अंदेशा है। उनके पंजाब में छुपे होने की जानकारी है। इस आधार पर एसओजी व जोधपुर पुलिस की संयुक्त टीम पंजाब पुलिस के साथ मिलकर शूटर की धरपकड़ के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
वारदात में पंजाब के मोहाली निवासी काली राजपूत के शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है। चूंकि उसने लॉरेंस के इशारे पर सीकर में 23 अगस्त को पूर्व सरपंच सरदार राव की हत्या की थी। उसके साथ एक-दो अन्य युवक भी थे। इसलिए अंदेशा है कि वासुदेव की हत्या में भी लॉरेंस का हाथ हो सकता है। वासुदेव की हत्या में हरेन्द्र उर्फ हीरा के भी शामिल होने की पूरी आशंका है, लेकिन फिर भी पुलिस उसकी संलिप्तता के संबंध में और साक्ष्य जुटाने के प्रयास में है। अजमेर की हाई सिक्योरिटी घूघरा घाटी जेल में बंद लॉरेंस को फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है।
पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह ने गत 18 सितम्बर को व्यवसायी की हत्या के मामले की जांच एसओजी को सौंपने के आदेश दिए थे। एडीजी उमेश मिश्रा व आईजी दिनेश एमएन उसी दिन जोधपुर आ गए थे। स्थानीय पुलिस से मामले की जानकारी लेने के बाद वे href="https://www.patrika.com/topic/jaipur/" target="_blank" rel="noopener">जयपुर लौट चुके हैं। हत्या की जांच सरदारपुरा थाना पुलिस ही कर रही है। एसओजी का लक्ष्य गोली मारने वालों को पकडऩे का है। एडीजी व आईजी के दिशा-निर्देश में एसओजी और पुलिस तलाश के प्रयास कर रही है।