जोधपुर शहर व आस-पास के गांवों में पेयजल सप्लाई राजीव गांधी लिफ्ट केनाल से होती है। जोधपुर शहर के कायलाना-तख्तसागर जलाशय से हर दिन पेयजल सप्लाई के लिए 13 से 14 एमसीएफटी पानी की जरूरत होती है, लेकिन केनाल से प्रतिदिन इतना भी पानी नहीं मिल पा रहा। एक सप्ताह का औसत निकाले तो प्रतिदिन 1 एमसीएफटी प्रतिदिन पानी कम मिल रहा है। इसीलिए 8 से 10 दिन में 24 घंटे का शटडाउन लेकर पानी बचाया जा रहा है। अब गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की खपत भी बढ़ेगी। ऐसे में यह अनुपात और बिगड़ सकता है। खास बात यह है कि अब अगले महीने में इंदिरा गांधी नहर में बड़ा क्लोजर हो रहा है। इसकी भी तैयारियां की जा रही हैं।
राजस्थान के जोधपुर शहर व आस-पास के गांव जो कि कायलाना-तख्तसागर से पानी लेते हैं, उन्हें प्रतिदिन करीब 13 से 14 एमसीएफटी पानी की जरूरत रहती है। यह तब है कि जब 48 घंटे के अंतराल में पेयजल सप्लाई दी जाती है। पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता जेसी व्यास ने बताया कि क्लोजर के लिए तैयारी कर रहे हैं, तारीख व अवधि तय होने के बाद आगे रूपरेखा बनेगी।
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अब क्लोजर में क्याअभी तक निश्चित तारीख नहीं आई है, लेकिन जल संसाधन विभाग की ओर से मिले पत्र में 15 मार्च के बाद से क्लोजर हो सकता है। पिछली बार यह क्लोजर 60 दिन का था। इसमें से 30 दिन तक कम दबाव पेयजल जितना पानी पंजाब से मिलता रहा था। इसके बाद अगले 15 से 20 दिन तक नहर व राजीव गांधी लिफ्ट केनाल में संचित पानी से काम चलाया गया। अंतिम 10 दिन में जोधपुर शहर व गांवों को पानी पिलाने के लिए स्थानीय स्तर पर जलाशयों में जमा पानी से काम चलाया जाता है।