जोधपुर

mdm hospital : एक ही दिन में चार मरीजों का टावी, वॉल्व प्रत्यारोपण से मिला नया जीवन

मथुरादास माथुर अस्पताल में गुरुवार को चार रोगियों के हृदय के वॉल्व का प्रत्यारोपण कर राहत प्रदान की गई। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि उत्तरी भारत के किसी सरकारी अस्पताल में एक साथ चार मरीजों का सफल टावी प्रोसीजर एक ही दिन में पहली बार किया गया है।

जोधपुरAug 18, 2023 / 07:18 pm

hanuman galwa

mdm hospital : एक ही दिन में चार मरीजों का टावी, वॉल्व प्रत्यारोपण से मिला नया जीवन

एमडीएम हॉस्टिल का दावा : उत्तरी भारत के सरकारी संस्थान में ऐसा पहली बार हुआ
जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल में गुरुवार को चार रोगियों के हृदय के वॉल्व का प्रत्यारोपण कर राहत प्रदान की गई। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि उत्तरी भारत के किसी सरकारी अस्पताल में एक साथ चार मरीजों का सफल टावी प्रोसीजर एक ही दिन में पहली बार किया गया है। चारों मरीजों का आरजीएचएस में नि:शुल्क उपचार किया गया।
इनको मिली राहत
– चौपासनी रोड निवासी 69 वर्षीय महिला उच्च रक्तचाप से ग्रसित थी। दमे की शिकायत थी। श्वांस लेने में दिक्कत आने पर एमडीएम हॉस्पिटल में भर्ती हुई। महिला ने बताया कि मल में रक्त आ रहा है। जांच में हृदय वॉल्व में गम्भीर सिकुडऩ का पता चला। ऑपरेशन में जोखिम देखते हुए बिना चीर-फाड़ टावी को उचित समझा। महिला का टावी किया गया। अब वह स्वस्थ है।
– नागौर के जसवंत नगर की 79 वर्षीय महिला को छह साल से छाती में दर्द और श्वास में तकलीफ थी। विस्तृत जांच में हृदय वॉल्व की सिकुडऩ की समस्या का पता चला। अधिक उम्र होने के कारण करने टावी करने का निर्णय लिया गया। अभी मरीज स्वस्थ है।
– सीने में दर्द की शिकायत के बाद 69 वर्षीय पुरुष एमडीएम हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। उन्होंने 1992 में मित्राल वॉल्व रिप्लेस करवाया था। जांच में दूसरे वॉल्व में सिकुडऩ का पता चला। चूंकि पहले वॉल्व का ऑपरेशन हो चुका था। लिहाजा ऑपरेशन में जोखिम थी। इसलिए हृदय रोग टीम ने टावी का फैसला किया। अभी मरीज स्वस्थ है।
– जैसलमेर के मोहनगढ़ के 61 वर्षीय पुरुष सीने में दर्द और श्वांस में दिक्कत के कारण एमडीएम हॉस्पिटल में भर्ती हुए। वह मधुमेह व मस्तिष्काघात से पीडि़त थे। जांच में वॉल्व में सिकुडऩ की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने टावी कर उनको राहत दी। अभी मरीज स्वस्थ है।
क्या है टावी
ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन (ञ्ज्रङ्कढ्ढ) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल एओर्टिक स्टेनोसिस के इलाज के लिए करते हैं। प्रक्रिया के दौरान हृदय में संकुचित महाधमनी वॉल्व के अंदर एक नया वॉल्व डालते हैं।
ऑपरेशन टीम में ये
डॉ. रोहित माथुर, डॉ. पवन सारडा, डॉ. अनिल बारूपाल, डॉ. राकेश कर्नावट, डॉ. शिखा, डॉ गायत्री, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी महेन्द्र व्यास, हरीश पंवार, नंदकिशोर, करूणा, हेमलता, योगेश कुमार, नवीन गोयल, सिमला, प्रीति, अशोक, बंशीलाल, रीटा, जितेंन्द्र सिंह व जितेंद्र डूडी।
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नवाचार में अग्रणी
मथुरदास माथुर हॉस्पिटल नवाचार में अग्रणी है। सभी प्रकार के छोटे-बड़े ऑपरेशन कर मरीजों को राहत प्रदान करने में चिकित्सा स्टाफ सदैव तत्पर है। जिन चार रोगियों का टावी किया गया है, उसकी लागत लगभग 56 लाख रुपए आती है। इन सभी का उपचार आरजीएचएस में पूरी तरह नि:शुल्क किया गया।
डॉ. विकास राजपुरोहित, अधीक्षक, एमडीएम हॉस्पिटल

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