इस दौरान नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर आदेशराम भडियार ने कहा कि ईश्वर व गुरुदेव की कृपा, माता-पिता व परिजनों के आशीष व उसकी कड़ी मेहनत के बल पर उन्हें यह मुकाम मिला है। अब उनकी यही प्राथमिकता रहेगी कि जिन परिस्थितियों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा, वह संघर्ष किसी और को नहीं करना पड़े। इसके लिए वे सदैव प्रयास करेंगे। साथ ही गांव के गरीब विद्यार्थियों को बड़े कोचिंग संस्थानों से बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने में भी योगदान करेंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को निशुल्क श्रेष्ठ शिक्षा मिल सके।
भोपालगढ़ क्षेत्र के नाड़सर गांव निवासी एवं एसपीएम कॉलेज भोपालगढ़ में असिस्टेंट प्रोफेसर बने आदेशराम भडियार को यहां तक पहुंचने के लिए अपने जीवन में बेहद संघर्ष करना पड़ा। जन्म के कुछ समय बाद ही मां का निधन हो गया और इसके कुछ वर्षों बाद पिता का साया भी उठ गया। लेकिन चाचा-ताऊ ने उसकी पढ़ाई जारी रखी और नाड़सर गांव से 12वीं पास करने के बाद जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से बीकॉम भी करवाई। यहां तक कि उसे पढ़ने के लिए जयपुर भी भेजा। जिसके बाद उसने बीएड व अन्य डिग्री हासिल करते हुए बिना कोचिंग के 6 बार नेट परीक्षा क्वालीफाई करने के साथ ही सीटेट भी कर रखी है। साथ ही जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय एवं नागौर के बलदेवराम मिर्धा राजकीय पीजी कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में 6 वर्ष का अध्यापन अनुभव भी है। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और हाल ही में उसका कॉलेज शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हुआ है।
नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर अदेशराम भडियार का कहना है कि वे इस पद पर रहते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर एक गतिविधि में शामिल होकर उनका शारीरिक व मानसिक विकास करने में योगदान देंगे। क्योंकि आज के समय में इंटेलेक्चुअल इंटेलिजेंस की जगह इमोशनल इंटेलिजेंस बहुत जरूरी है। इसके बिना एक बहुत ही होशियार विद्यार्थी भी जीवन में सफल नहीं हो पाता है और इसी वजह से बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों में बच्चों की आत्महत्या करने जैसी घटनाएं सामने आ रही है। इसके लिए विद्यार्थियों को बिना कोई मानसिक तनाव लिए अपना अध्ययन करना चाहिए।