मजबूरी में ये परिवार अपने नवजात को रिश्तेदार के पास छोड़ कर भारत आ गए। बीते छह माह में ऐसे कई भील परिवार जोधपुर आए हैं, जिनमें बच्चे या उनकी मां पाकिस्तान में ही रह गए। वीडियो कॉल कर अपनों को देखते हैं। दिसंबर से अब तक करीब 700 भील व मेघवाल परिवार धार्मिक वीजा पर यहां आ चुके हैं। वीजा खत्म होने से पहले ये परिवार यहां बसने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं।
बता दें कि दिसंबर में जोधपुर आए रिजूराम ने अपने 28 रिश्तेदारों के लिए वीजा आवेदन किया था। रिजूराम की पत्नी गुड्डी का वीजा रुक गया। मजबूरी में गुड्डी को मायके में नवजात बेटी के साथ छोड़ कर आना पड़ा। पाकिस्तान के सांगड जिले का विजयराव परिवार के साथ 5 जनवरी को भारत आया। नवंबर में पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। वीजा नहीं मिला। परिवार के अन्य सदस्यों को वीजा मिल गया तो बेटे को चाचा के पास छोड़ कर आना पड़ा। जोधपुर आए नारूमल ने बताया कि उसकी पत्नी और बच्चे को वीजा नहीं मिला। उसे एजेंट ने ग्रुप लीडर बना दिया तो आना पड़ा। पत्नी, बच्चों के वीजा के लिए कोशिश कर रहे हैं।