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जोधपुर

जसवंतसागर की नहरों के कायाकल्प को सवा तीन करोड़ खर्च होंगे

बिलाड़ा. जोधपुर जिले के सबसे बड़े जसवंत सागर बांध पर 40 वर्ष पूर्व चली चादर एवं जल विप्लव से क्षेत्र की जल वितरिकाएं बह गई थी। राज्य सरकार ने ध्वस्त हो चुकी सभी नहरों की अब फिर से कायापलट करने के लिए जल संसाधन विभाग को सवा तीन करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
 
 

जोधपुरJun 06, 2020 / 01:42 pm

pawan pareek

जसवंतसागर की नहरों के कायाकल्प को सवा तीन करोड़ खर्च होंगे

जसवंतसागर की नहरों के कायाकल्प को सवा तीन करोड़ खर्च होंगे

बिलाड़ा. जोधपुर जिले के सबसे बड़े जसवंत सागर बांध पर 40 वर्ष पूर्व चली चादर एवं जल विप्लव से क्षेत्र की हजारों बीघा जमीन की पिलाई करने वाली जल वितरिकाएं बह गई थी। राज्य सरकार ने ध्वस्त हो चुकी सभी नहरों की अब फिर से कायापलट करने के लिए जल संसाधन विभाग को सवा तीन करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
स्वीकृत की गई राशि में से दो करोड़ 11 लाख 93 हजार रुपए मनरेगा के तहत काम करने वाली श्रम शक्ति के लिए चुकाए जाएंगे। जबकि एक करोड़ 11 लाख 91 हजार रुपए नहर निर्माण एवं मरम्मत कार्य के काम आने वाली सामग्री पर खर्च होंगे। सहायक अभियंता मोहित कुमार ने बताया कि पिछले कई वर्षों से नहर मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजे जाते हैं, लेकिन इस बार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत विभाग ने उनके प्रस्तावों एवं तखमीने के आधार पर जिला कलक्टर कार्यालय से स्वीकृति मिली है।

आठ भागों में होगा कार्य


ग्राम पंचायत पिचियाक सीमा में स्थित जसवंत सागर बांध की नहर आरडी 0 से 74 तक 40 लाख 98 हजार रुपए, पडासला नहर आरडी 100 से 200 तक 42 लाख 70 हजार रुपए, मालकोसनी पंचायत सीमा के बड़ी राजस्व गाव मे आरडी 200 से 300 के लिए 41 लाख 28 हजार रुपए, जेतिवास के बीजासनी गांव सरहद आरडी 300 से 400 पर 40 लाख 59 हजार रुपए, मालकोसनी सरहद के आरडी 400 से 500 पर 40 लाख 59 हजार रुपए, पडासला पंचायत के गुजरावास गांव सरहद मे आरडी 500 से 600 पर 41 लाख 69 हजार रुपए, पडासला पंचायत क्षेत्र में आरडी 600 से 700 पर 38 लाख 39 हजार रुपए और हरियाड़ा पंचायत के आर डी 700 से 800 तक 37 लाख 62 हजार रुपए सामग्री एवं श्रमशक्ति के रूप में खर्च किए जाएंगे।

तेरह गांवों की होती है पिलाई


जसवंत सागर बांध से निकलने वाली मुख्य नहर में आगे चल कर दो वितरिका बनती है एक वितरिका से भावी पंचायत की राजस्व भूमि तथा अन्य वितरिका है वह बिलाड़ा में चक नंबर 1, बिजासनी, बड़ी कला, बड़ी खुर्द, मालकोसनी, पड़ासला कला, पड़ासला खुर्द ,सुवालिया, होलपुर, हरियाड़ा, लांबा, बाला, पंचायत के राजस्व गांव की पिलाई होती रही है लेकिन वर्ष 1979 में आई बाढ़ के दौरान बांध से जुड़ी सभी वितरिका टूट गई और जल में विलुप्त हो गई। इनके पुनरुद्धार के लिए विभाग ने अब नहरों के कायाकल्प का निर्णय किया है।

इन्होंने कहा


आठ गांवों की नहरों के लिए बजट पारित हो गया है जल्द ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।

-मोहित कुमार, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग, बिलाड़ा

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