जेडीए के अधीक्षण अभियंता महेन्द्र सिंह ने बताया कि इसी स्वीकृति के कारण पिछले लम्बे समय से निर्माण नहीं हो रहा था। अब जिला कलक्टर की ओर से इस जमीन पर आपत्तियां भी मांगी गई हैं। कुछ आपत्तियां सामने आई जिनका निस्तारण किया जा रहा है। अब जो निर्माण फर्म को लाइसेंस जारी किया गया है उसमें दो साल में यह निर्माण पूरा करना है।
फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद अब राज्य सरकार की पर्यावरण समिति से एनवायरमेंट क्लीयरेंस की जरूरत रहती है। हालांकि यह ईसी जल्द ही मिलने की संभावना है। इसके बाद ही निर्माण शुरू हो सकेगा।
– डेढ़ साल पहले प्रोजेक्ट बना।
– 0.89 हेक्टेयर फोरेस्ट जमीन परिवर्तन की सहमति मिली है।
– 487 मीटर कुल रोप-वे की लम्बाई होगी।
– 12 करोड़ इसकी लागत आ सकती है।