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जोधपुर

हाल-ए-जोधपुर नगर निगम : कमाई में फिसड्डी, वेतन देना भी पड़ रहा भारी

निगम में दो साल पूर्व 262 सफाई कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। इसमें से 100 सफाई कर्मचारियों के प्रोबेशन खत्म होने के बाद वे पे-स्केल पर आ गए। इसके चलते निगम पर एकसाथ आर्थिक भार पड़ा।

जोधपुरNov 27, 2016 / 04:56 pm

Harshwardhan bhati

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नगर निगम को प्रतिमाह राज्य सरकार से मिलने वाली चुंगी भरण की 6 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि से निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन भी चुकता नहीं हो पाता है। निगम की ओर से प्रतिमाह 2 करोड़ अतिरिक्त देने के बाद निगम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो रहा है। 
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निगम में दो साल पूर्व 262 सफाई कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। इसमें से 100 सफाई कर्मचारियों के प्रोबेशन खत्म होने के बाद वे पे-स्केल पर आ गए। इसके चलते निगम पर एकसाथ आर्थिक भार पड़ा। सरकार ने चुंगी भरण राशि नहीं बढ़ाई और न ही निगम प्रशासन की ओर से इस बारे में सरकार को अवगत करवाया गया।
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इनसे बढ़ सकती है निगम की आय

अगर यूडी टैक्स, विज्ञापन टैक्स, लीज-डीड, नाम हस्तांतरण सहित अन्य मदों से आय बढ़ाने पर निगम के प्रशासनिक अधिकारी और महापौर ध्यान दें तो अगले चार साल में निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है। निगम की प्रमुख देनदारियां
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निगम की प्रमुख देनदारियों में सबसे बड़ी ठेकेदारों की है। शहर के निगम ठेकेदारों के करीब 80 करोड़ रुपए बकाया हैं। जबकि 20 करोड़ रुपए की निगम की ओडी लिमिट भी है। इस हिसाब से निगम की देनदारियां कुल 100 करोड़ की हैं।
बोर्ड बनते ही 100 करोड़ का कर्जदार हुआ निगम

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भाजपा शासित बोर्ड बोर्ड बनते ही उस पर 100 करोड़ कर्ज हो गया था। यह कर्ज पूर्व बोर्ड ने दिया था। जानकारों के मुताबिक यह कर्ज विधायक चुनाव के दौरान निगम की ओर से आनन-फानन में दिए गए कार्यादेश के कारण हुआ था।
इस वर्ष के निगम के बड़े काम

– शहर में अब तक करीब 60 हजार एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। इससे 10 करोड़ का बिजली बिल अब करीब 5 करोड़ हो गया है। जल्द ही सीसीएमएस (सेंट्रेलाइज कंप्यूटराइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम) से सभी एलईडी लाइटों को जोड़ा जाएगा, ताकि एलईडी बंद होते ही उसे ठीक किया जा सके।
– हाल ही में विशेष सफाई अभियान के तहत सरकार ने 500 शहरों में से जोधपुर को 16वां स्थान दिया है। पूरे राजस्थान मेंं जोधपुर का प्रथम स्थान रहा।

– स्ट्रीट वेंडर का बायोमेट्रिक सर्वे पूरा।
– दिसंबर तक बायोमेट्रिक कार्ड देकर वेंडर जोन प्लान लागू कर दिया जाएगा।

– निगम के सभी संसाधनों पर जीपीएस लगाया गया।

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– अमृत योजना – इस योजना के तहत शहर की सीवरेज लाइनों का बदलाव होगा। इसमें झालामंड जोन में आने वाले सभी क्षेत्रों की सीवरेज लाइनों को बदला जाएगा।
– स्वच्छ भारत मिशन के तहत शुरू होगा वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट। इससे निगम को प्रतिमाह कचरे से करीब 15 लाख रुपए की आय होगी।

– डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण शुरू किया जाएगा।

– सिटी सेनिटेशन प्लान की डीपीआर तैयार। जल्द ही टेंडर जारी होंगे।
– अमृत योजना के तहत उम्मेद उद्यान का विकास होगा। इसमें केंद्र, राज्य और निगम की ओर से 2.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अतिरिक्त निगम 2.5 करोड़ रुपए खर्च करेगा।

– ऑनलाइन जारी होगी भवन निर्माण इजाजत और भू-उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति
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1 अप्रेल से 26 नवंबर तक निगम की वित्तीय स्थिति

– अब तक निगम की आय – 96 करोड़ (सभी मदों में)
– अब तक का खर्चा – 95 करोड़ (सभी मदों में)

– 22 करोड़ रुपए विकास कार्यों का भुगतान किया गया।

– 6.5 करोड़ रुपए खर्च किए गोशाला पर

– 7.0 करोड़ दिए संविदा पर लगे सफाईकर्मियों को
– 12 करोड़ रुपए गैराज पर

– 45 करोड़ रुपए कर्मचारियों के भुगतान पर

– 2.5 करोड़ निगम के अन्य खर्चे

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निगम का खराब समय

निगम में फर्जी पट्टे के कारण इस साल का अप्रेल से लेकर अब तक समय काफी कष्टदायक रहा है। इसमें फर्जी पट्टा जारी करने वाला निगम में पूर्व में संविदा पर लगे कंप्यूटर ऑपरेटर हेमंत ओझा को पुलिस ने पकड़ा। जिसके बाद कई अभियंता और अन्य अधिकारी भी संदेह के दायरे में आए।

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