जांच में आया इंसुलिनोमा कैंसरजांच में जब सी.टी.स्केन करवाया गया तो पेनक्रियाज में कैंसर की गांठ पाई गई, तब डॉक्टर ने मरीज़ को इंसुलिनोमा के ऑपरेशन के लिए गेस्टरो सर्जन डॉ. दिनेश चौधरी के पास महात्मा गांधी अस्पताल भेजा। डॉ. एस.एस. राठौड़ ने बताया कि इंसुलिनोमा इंसुलिन स्त्राविट करने वाली बीटा कोशिकाओं कैंसर है, जिसमें इंसुलिन अनियंत्रित रूप से स्रावित होता है। महात्मा गांधी अस्पताल में एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉ. रोनक गांधी ने भी हार्मोन की जांचें करवाई, जिसमें शुगर कम होने का कारण इंसुलिनोमा कैंसर बताया।
न्यूरोएंड़ोक्राइन ट्यूमर गेस्ट्रोसर्जन डॉ. दिनेश चौधरी ने बताया कि इंसुलिन हार्मोन रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित करता है। इंसुलिनोमा नामक कैंसर एक प्रकार का न्यूरोएंड़ोक्राइन ट्यूमर है, जिसमें रक्त में इंसुलिन की मात्रा अनियंत्रित रूप से बढ़ जाती है। रक्त में शुगर की मात्रा अत्यधिक कम हो जाती है, जिससे बेहोशी के दारे पड़ते हे एवं अत्यधिक शुगर कम होने से मरीज़ की मृत्यु भी हो सकती है।
ऐसे हुआ ऑपरेशन डॉ. दिनेश ने बताया कि मरीज़ में इंसुलिनोमा लिम्बग्रंथियों में भी फैल गया था। रक्त की नालियों-सूपीरीअर मेसेंटेरिक वेन और सिलियक ट्रंक के सटा हुआ था। इस वजह से ऑपरेशन अत्यंत जटिल था। सूक्ष्म विच्छेदन करते हुए तिल्ली की खून की नालियों को उसके प्रारंभ से ही बांधकर काटा गया। उसके बाद संपूर्ण इंसुलिनोमा,लिंबग्रंथीयो और तिल्ली को एक साथ निकला गया। ऑपरेशन के बाद मरीज़ का शुगर लेवल एकदम नॉर्मल है।