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खगोलविदों और भूगोलवेत्ताओं के अनुसार ‘नो शेडो डे’ की स्थिति मकर और कर्क रेखा के मध्य स्थित क्षेत्रों में ही बनती है। कर्क रेखा भारत के एकदम मध्य से होकर गुजरती है। राजस्थान में यह डूंगरपुर व बांसवाड़ा होते हुए निकलती है। नो शेडो डे की सर्वाधिक बेहतर स्थिति बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्र में बनेगी, लेकिन राजस्थान भी कर्क रेखा के समीप होने के कारण जोधपुर सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा।IMD Monsoon Alert: आखिरकार मानसून ने दिया बड़ा झटका, इतने दिनों का लगा ब्रेक, सामने आई बड़ी जानकारी
पैरों पर दिखाई देगी परछाई नो शेडो डे यानी परछवाईविहिन दिवस की स्थिति दोपहर के समय बनेगी। हालांकि इस दौरान भी परछाई बिल्कुल गायब नहीं होगी। धूप में व्यक्ति के खड़े होने पर परछाई उसके बिल्कुल पैरों के ऊपर आएगी, जिस कारण उसे परछाई नहीं होने का आभास होगा। इससे पहले अप्रेल में भी इस तरह की घटना हुई थी।
विशेष खगोलीय घटना के तहत 18 अगस्त को नो शेडो डे की स्थिति बनेगी। कर्क रेखा के नजदीक होने की वजह से जोधपुर में इसका असर देखा जा सकेगा। डॉ. ललित सिंह झाला, भूगोल विभाग, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर