यहां राजस्थान हाईकोर्ट के सभागार में न्यायिक अधिकारियों की राज्य स्तरीय कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि गृह मंत्रालय ने नए कानूनों के एक-एक प्रावधान का बारीकी से परीक्षण किया है। तकनीकी बदलाव और हमारी जरूरत के कानूनों की दशकों से मांग थी, जिसे सभी पहलुओं का मूल्यांकन करते हुए पूरा किया गया है। यह समूचे देश और जनता के लिए ऐतिहासिक बदलाव है, जो उनकी स्वतंत्रता को और ज्यादा पुख्ता करेगा। उन्होंने उपस्थित न्यायिक अधिकारियों से आह्वान किया कि नए कानूनों की सार्थकता तभी है, जब उन्हें उसी भावना से लागू किया जाए, जिसके लिए आपराधिक कानूनों में आमूलचूल बदलाव किया गया है। इस समूची प्रक्रिया में न्यायिक अधिकारियों की महती भूमिका है।
जोधपुर में उपराष्ट्रपति ने न्यायिक अधिकारियों को कहा कि लोगों की आजादी उनके जीवन का वह कमजोर पहलू है, जो आपके हाथ में है। ये कानून हमें औपनिवेशिक विरासत से मुक्त करने के लिए तैयार किए गए हैं। मानव जीवन का सबसे अनमोल पहलू स्वतंत्रता है। लोग लोकतंत्र से प्यार करते हैं, क्योंकि वे स्वतंत्रता को अपनी जीवनरेखा मानते हैं। कानून प्रजा के लिए या बाहर से काम करने वाली संप्रभु शक्ति के लिए नहीं हैं, बल्कि वे हमारे से हैं, हमारे लिए हैं और हमें उन्हें वास्तविकता में अनुवादित करना है। उन्होंने कहा- मैंने संविधान में एक भयानक अभिव्यक्ति पर आपत्ति जताई है, अधीनस्थ न्यायपालिका। मेरी इच्छा है कि आप इसे खत्म कर दें।
प्रभावी रूप से अमल में लाने की नसीहत
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता ने कहा कि नए कानूनों में उन कमियों और प्रक्रियागत अड़चनों को दूर करने की कोशिश की गई है, जिसके चलते मामलों के लंबे खिंचने की समस्या का सामना करना पड़ता था। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से नए प्रावधानों का सम्यक विश्लेषण कर उन्हें प्रभावी रूप से अमल में लाने की नसीहत दी। इससे पूर्व हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने तीनों आपराधिक कानूनों की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि इनमें आमजन की सुरक्षा, पीडि़त केंद्रित पुनर्वास की अवधारणा, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध सहित संगठित अपराधों के त्वरित परीक्षण व सजा के प्रावधान किए गए हैं। प्रारंभ में न्यायाधीश श्रीचंद्रशेखर ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर मंच पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तथा न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी भी मौजूद रहे।
आज लॉ सेमिनार को संबोधित करेंगे
राजस्थान हाईकोर्ट स्थापना के प्लेटिनम जुबली वर्ष के आयोजनों की कड़ी में शनिवार को बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से लॉ सेमिनार का आयोजन सुबह 10.30 बजे मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में होगा। मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ होंगे। बार कौंसिल के अध्यक्ष भुवनेश शर्मा ने बताया समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एजी मसीह, न्यायाधीश संदीप मेहता, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव, राज्य के विधि मंत्री जोगाराम पटेल एवं बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे। समारोह में राजस्थान हाईकोर्ट के वर्तमान एवं पूर्व न्यायाधीश, बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के वर्तमान एवं पूर्व सदस्य, प्रदेश में स्थित बार संघों के पदाधिकारी एवं अधिवक्ता भाग लेंगे। इस दौरान बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व सदस्यों का सम्मान किया जाएगा।