अस्पताल प्रशासन ने लपका गिरोह पर अंकुश लगाने के लिए निगरानी टीम को सक्रिय कर दिया है। अस्पताल उप अधीक्षक डॉ. अरुण शर्मा ने बताया कि कई दिन से अस्पताल में लपका सक्रिय होने की शिकायतें मिल रही थी। इसी बीच शनिवार को होमगार्ड इंचार्ज भैरु गुर्जर और दौलतराम गोदरा ने ट्रॉली चलाने वाले ओमप्रकाश को मरीज कौशल्या अग्रवाल को ब्लड की जांचें निजी लैब से करवाने के 700 रुपए लेते हुए पकड़ लिया। पकड़ में आते ही ओमप्रकाश ने मरीज को रुपए लौटा दिए। ठेकेदार ने ट्रॉलीमैन ओमप्रक्राश को काम से हटा दिया। अस्पताल प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि इसमें अन्य किसी की मिलीभगत है या नहीं। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को शिकायत देकर लपकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि होमगार्ड ने दो दिन पहले भी एक लपके को बुुजुर्ग दम्पती को आंखों की जांच करने के लिए बाहर ले जाते समय पकड़ा था। अस्पताल में आंखों की जांच नि:शुल्क होती है जबकि लपके ने बुजुर्ग दम्पती से बाहर से जांच करवाने के 15 सौ रुपए मांगे थे।
लपकों का गिरोह सक्रिय एमडीएम अस्पताल में न्यू ओपीडी में लपकों के कई गिरोह सक्रिय हो चुके हैं। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग से लेकर न्यू ओपीडी तक २० से अधिक लपकों की टीम जांच के नाम पर मरीजों को लूटने के लिए तैयार रहती है। अस्पताल में ट्रॉली खींचने से लगाकर विभिन्न विभागों, पर्ची काउंटर पर कार्यरत कुछ कर्मचारी भी इनका साथ देते हैं।
ट्रॉलीमैन मरीज को अपनी बातों में फंसाकर बाहर से जांच करवाने के लिए तैयार करते हैं। ट्रॉलीमैन का इशारा पाते ही लपके मरीज को अपने वाहन में बिठाकर ले जाते हैं। गांवों से आए मरीज आसानी से लपकों का शिकार बन जाते हैं। जांच के बाद मिले कमीशन को सभी के बीच में बांट दिया जाता है।
वर्दी तक नहीं पहनते कर्मचारी एमडीएम अस्पताल में अधिकांश स्थाई व संविदा कर्मचारी निर्धारित यूनिफॉर्म में नजर नहीं आते। जबकि कर्मचारियों को वर्दी, आइकार्ड आदि पहनना अनिवार्य है। कमीशन का खेल अस्पताल के आस-पास 20 से अधिक लैब हैं। कुछ लैब के संचालक ट्रॉलीमैन व अस्पताल कर्मचारियों को कमीशन का लालच देकर सांठगांठ कर लेते हैं।