दरअसल, पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के पूर्व और पश्चिमी जिले में 229 नाबालिग लड़कियां व महिलाएं लापता हैं, जो अपने-अपने घरों से बिना बताए निकल गईं थी। समान मामले की इतनी पत्रावलियां लम्बित होने पर पुलिस कमिश्नर राजेन्द्रसिंह ने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (महिला अपराध व अनुसंधान सैल) लाबूराम चौधरी के निर्देशन में महिला थानाधिकारी (पूर्व) दीप्ति गोरा व महिला थानाधिकारी (पश्चिम) रेणू ठाकुर के नेतृत्व में सर्कल के मुताबिक छह टीमों का गठन किया गया।
परिजन के बयान दर्ज
पत्रावलियों के मुताबिक पुलिस की टीमों ने लापता लेडिज के संबंध में 154 परिजन से सम्पर्क किया। इनमें पश्चिमी जिले में 36 व पूर्वी जिले में 12 लापता लेडिज अपने घर पर थी। यानि लापता होने के बाद वो स्वत: घर लौट आईं थी। तत्पश्चात संबंधित थानाधिकारियों की मदद से संबंधित महिलाओं व परिजन के बयान दर्ज करवाए गए।
थानों में नहीं दी थी सूचनाएं
घर से बिला बताए लापता होने के बाद नाबालिगों के संबंध में एफआइआर दर्ज की गई थी। महिलाओं के लापता होने पर गुमशुदगी दर्ज करवाई जाती है। इस तरह जोधपुर में 229 मामले लम्बित थे। अब 181 मामलों की जांच चल रही है।