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जोधपुर

प्रसव पीड़ा देखकर भी नहीं पसीज रहा डॉक्टरों का दिल, बगैर देखे कर रहे हैं रेफर

विशेषज्ञ तैनात है, फिर भी PHC पर नहीं होते प्रसव, उम्मेद-जनाना विंग पर बढ़ रहा भार-जोधपुर शहर में 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नहीं कराए जा रहे हैं प्रसव, जबकि सुविधाएं हैं पर्याप्त-इसलिए बढ़ता है उम्मेद अस्पताल व एमडीएम अस्पताल पर प्रतिदिन प्रसवों का लोड-बड़ा सवाल : जब प्रसव ही नहीं होते हैं तो ऐसे चिकित्सकों को शहर की पीएचसी की बजाय गांवों की पीएचसी में तैनात क्यों नहीं किया जाता ?

जोधपुरFeb 20, 2019 / 11:09 am

Kanaram Mundiyar

के. आर. मुण्डियार

जोधपुर.
एक तरफ जोधपुर शहर में जनाना के सबसे बड़े उम्मेद अस्पताल में हर साल 22 हजार से ज्यादा प्रसवों का भार है। वहीं दूसरी तरफ शहर के सभी 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर, जहां अधिकतर जगहोंं पर विशेषज्ञ तैनात होने के बावजूद किसी में भी प्रसव नहीं करवाए जा रहे हैं। जबकि सरकार संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दे रही है और सभी अरबन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव कराने संबंधी सुविधाएं भी हैं, लेकिन यहां सामान्य प्रसव के केस आते ही उम्मेद अस्पताल या एमडीएम जनाना विंग को रेफर किए जा रहे हैं। इसके विपरित जिले के गांवों की सभी पीएचसी व सीएचसी में सामान्य प्रसव कराए जा रहे हैं। और उन्हीं केसों को हायर सेन्टर रेफर किया जा रहा है, जिनकी स्थिति नाजुक होती है। ज्ञात है कि शहर की सभी पीएचसी की मॉनीरिटिंग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के जिम्मे हैं। जबकि सेटेलाइट व जिला अस्पतालों की मॉनीरिंटिंग मेडिकल कॉलेज के अधीन है।
बड़ा सवाल : तो फिर पीएचसी पर क्यों तैनात है विशेषज्ञ-
शहर ही अधिकतर पीएचसी पर विशेषज्ञ सहित कुछ जगह सर्जन भी तैनात है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब यहां पर प्रसव करवाए ही नहीं जा रहे हैं तो वहां पर विशेषज्ञों की ड्यूटी क्यों लगा रखी है। ऐसे विशेषज्ञों को ग्रामीण पीएचसी या सीएचसी में भेजा जाना चाहिए, ताकि वहां के मरीजों को इलाज सुलभ हो सकें।
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यह हो रहा है–
-जोधपुर मे सभी 22 शहरी पीएचसी पर प्रसव के लिए संसाधन व सुविधा है, लेकिन प्रसव कराने की बजाय प्रसव पीड़ा वाली महिलाओं को तत्काल उम्मेद व एमडीएम अस्पताल के लिए रेफर किए जा रहे हैं। जबकि कुछ शहरी पीएचसी पर सर्जरी, गायनिक के विशेषज्ञ चिकित्सक भी तैनात है।
-शहर के प्रतापनगर व चौपासनी सेटेलाइट अस्पताल में सर्जरी व गायनिक के विशेषज्ञ तैनात है, लेकिन प्रसव नाममात्र के भी नहीं हो रहे हैं। मंडोर सेटेलाइट से भी अधिकतर केस रेफर किए जा रहे हैं।
यह होना चाहिए-
-शहरी पीएचसी सहित बनाड़ सीएचसी पर क्रिटिकल स्थिति वाली महिलाओं को ही रेफर किया जाना चाहिए। शेष सभी प्रसूति वहीं पर करवाई जानी चाहिए। जब इन अस्पतालों में सर्जन तैनात है तो माइनर सर्जरी भी यहां पर ही की जा सकती है।
-शहर के सेटेलाइट व जिला अस्पतालों में प्रसवों की सुविधा को बढ़ाया जाना चाहिए।
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सेटेलाइट से भी आते हैं रेफर-
शहर के चौपासनी व प्रतापनगर मेंं सैटेलाइट अस्पताल है, लेकिन यहां पर भी प्रसव की संख्या शून्य के बराबर है, जबकि मंडोर में प्रसव भी संतोषजनक तरीके से नहीं करवाए जा रहे हैं। जबकि यहां पर गायनिक विशेषज्ञ तैनात है। अधिकतर केसों में महिलाओं को हायर सेन्टर के नाम पर उम्मेद अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है।
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शहर में प्रसव एक नजर :
-22000 प्रसव हर साल उम्मेद अस्पताल में करवाए जा रहे हैं।
-60 से 70 प्रसव प्रतिदिन उम्मेद अस्पताल में हो रहे हैं।
-20 से 25 प्रसव प्रतिदिन एमडीएम जनाना विंग में हो रहे हैं।

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इनका कहना है-
सैटेलाइट व जिला अस्पतालों में प्रसव सुविधाओं को बढ़ाने से उम्मेद अस्पताल व एमडीएम जनाना विंग का लोड कम हो सकता है। साथ ही शहर की कुछ पीएचसी का चयन कर वहां पर प्रसव शुरू करवाने के प्रयास किए जाएंगे। ताकि बड़े अस्पतालों का लोड कम हो सके।
-डॉ. बलवंत मंडा, सीएमएचओ, जोधपुर

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