विशेष टीम का गठन
जिला पुलिस अधीक्षक
जोधपुर ग्रामीण धर्मेंन्द्रसिंह ने बताया कि चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयदेव सियाग और करणीदान के निर्देशन और सहायक उप निरीक्षक अमानाराम के नेतृत्व में जिला विशेष टीम का गठन किया गया। इसके बाद 150 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। वहीं मुखबिर तंत्र को स्थापित किया। टीम ने पूर्व में घटित घटनाओं और अपने डाटाबैस के आधार पर कई संदिग्धों से पूछताछ की। इन सभी के आधार पर एक चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ, जो कि श्रवणराम पूनिया जाट, रिजवान खां, मोहम्मद नहीम और कैलाश भील द्वारा चलाया जा रहा था। पुलिस को मोहम्मद नहीम के ठिकाने की सूचना मिली।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
जब पुलिस टीम वहां पहुंची तो पता चला, उक्त जगह कई अन्य लोग भी मौजूद थे। ऐसे में फोटो मैच होने के बाद नहीम पुलिस की गिरफ्त में आया। इसके बाद संदिग्ध श्रवणराम पूनिया की तलाश शुरू हुई। शातिर श्रवणराम पुलिस के आने से ही फरार हो जाता था। ऐसे में पुलिस ने टैक्ट्रर लेकर किसान बनकर रेकी करना शुरू किया। सूचना पुख्ता होने के बाद टीम ने दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया। दोनों आरोपियों ने 100 से ज्यादा चोरियां करना कबूल किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी कार और मोटरसाइकिल से रेकी करते थे। इसके बाद घर की सदस्यों की जानकारी और आर्थिक हालात की जानकारी लेकर वारदात को अंजाम देते थे। इस गिरोह ने राजस्थान के सीकर, चूरू, नागौर, जोधपुर ग्रामीण, जोधपुर कमिश्नरेट, सीकर, हनुमानगढ़, फलोदी, गंगानगर, सवाईमाधोपुर, पाली, भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर, जैसलमेर, बाड़मेर और जयपुर सहित कुल 100 से अधिक स्थानों पर चोरियां करना कबूल किया है। आरोपियों के पास से कई नकली नंबर प्लेट्स भी मिली है। ये गैंग सोशल मीडिया पर सुखा 0033 के नाम से सक्रीय थी।