चार दिन तक जिंदगी व मौत से लड़ते हुए मां व बेटे ने जोधपुर के अस्पताल में अंतिम सांस ली। 2018 में पिता की मौत के बाद हादसे में मां व भाई छीनने से परिवार में अब इकलौते रावलसिंह की जिंदगी उजड़ सी गई है। परिजन की मौत के बाद रावल रो-रो कर बेसुध सा हो गया है। परिजन, पड़ोसी व रिश्तेदार ढांढस जरूर बंधा रहे हैं, लेकिन पांचवी कक्षा में पढ़ रहे मासूम रावल के अपनों के साथ सपने भी स्वाहा हो गए।
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चंद फासले पर रावल
गैस ब्लास्ट के समय रावलसिंह भी भुंगरा गांव में शादी समारोह में शामिल था। वह कुछ मिनट पहले ही घर से बाहर बारात जाने वाली गाड़ियों के पास चला गया। गनिमत रही कि वह हादसे की चपेट में नहीं आया। हादसे ने उसके मां और भाई को छीन लिया। अब वह इकलौता चिराग बचा है।
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विशेष राहत पैकेज
भुंगरा गैस त्रासदी से कई परिवार उजड़ गए है। कई परिवारों में कमाने वाले सदस्यों की मौत हो जाने से मासूम बच्चों के कंधों पर बोझ सा आ गया है। राज्य सरकार इस त्रासदी को आपदा के रूप में लेकर प्रभावित परिवारों को विशेष आर्थिक राहत प्रदान करें। जिससे बच्चों की शिक्षा के साथ लालन पालन करने में सक्षम हो सकें। हादसे की लपटें कई परिवारों तक पहुंची है।
नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा
जोधपुर एंबुलेंस चालक यूनियन भी आगे आया है। यूनियन की ओर से हादसे में डेड बॉडी व घायल मरीजों को जोधपुर से उनके गांव तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस उपलब्ध करवाई जाएगी। यह घोषणा अध्यक्ष मुकेश प्रजापत, सचिव धर्मेंद्र चौहान व सदस्य अनिल सोलंकी ने की।