वारदात में प्रयुक्त हथियारों के साथ ही मृतका का मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है। उधर, 14वें दिन भी मृतका के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका। पुलिस के अनुसार प्रकरण में गंगाणा की ग्रीन सिटी निवासी गुलामुद्दीन फारूखी और पत्नी आबेदा परवीन रिमाण्ड पर है। इनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। आरोपी गुलामुद्दीन अलग-अलग बयान दे रहा है। उसने हत्या के बाद अनिता के पहने हुए जेवर लूटे थे।
मृतका का मोबाइल भी उसने लूट लिया था। जो उसने अपने मकान में छिपा दिया था। रिमाण्ड के दौरान पुलिस ने उसकी निशानदेही से मृतका का मोबाइल बरामद किया, जिसकी जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस का दावा है कि मृतका के मोबाइल में अभी तक किसी तरह की कोई महत्वपूर्ण सामग्री नहीं मिली है। इससे पहले गुलामुद्दीन से पुलिस हत्या करने में प्रयुक्त हथियार और शव काटने में प्रयुक्त चाकू बरामद कर चुकी है। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा स्वयं पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस कमिश्नर राजेन्द्रसिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। निष्पक्ष जांच के लिए चार एडीसीपी की टीम बनाई गई है।
आपस में बात होने के साक्ष्य नहीं मिले
सरदारपुरा बी रोड निवासी अनिता पत्नी मनमोहन चौधरी 27 अक्टूबर की दोपहर गायब हुई थी। तीस अक्टूबर की रात मृतका का कटा शव मिला था। 31 अक्टूबर को पति ने हत्या की एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसमें व्यवसायी पर अंदेशा जताया गया था।
जोधपुर पुलिस ने व्यवसायी से आठ नवम्बर तक पूछताछ की थी। फिर शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया था।
अदालत ने व्यवसायी तय्यब अंसारी को मंगलवार को जमानत मुचलके पर छोड़ने के आदेश दिए। फिलहाल उसकी भूमिका स्पष्ट नहीं हो पाई है। आरोपी कई बार व्यवसायी का नाम ले रहा है, लेकिन मोबाइल कॉल डिटेल या वाट्सऐप कॉलिंग में दोनों के बीच बातचीत होने के कोई साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं। पुलिस जांच कर रही है।
भारी भरकम कट्टा उठा न पाने पर बाहर ही गाड़ा
पुलिस का कहना है कि 27 अक्टूबर को गुलामुद्दीन ने अनिता को नशीला शर्बत पिलाया था, लेकिन उसे होश नहीं आया था। तब 28 अक्टूबर की अल सुबह हथौड़ा सिर पर मारकर हत्या कर दी गई थी। भारी भरकम शव की वजह से वह अकेले ठिकाने लगा पाने में असमर्थ था। इसलिए उसने शव के छह टुकड़े कर दो कट्टों में डाले थे, लेकिन वह एक कट्टा भी उठा नहीं पाया था। इसलिए संभवत: उसने जेसीबी से गड्ढा खुदवाकर दोनों कट्टों में भरे शव के छह टुकड़े गाड़ दिए थे।