scriptहथाइबाजों की चर्चा से गुरु गणपति हो गए ‘इश्किया’ गजानन, 105 साल प्राचीन है जोधपुर का यह मंदिर | ishqiya ganesh temple in jodhpur is 105 year old | Patrika News
जोधपुर

हथाइबाजों की चर्चा से गुरु गणपति हो गए ‘इश्किया’ गजानन, 105 साल प्राचीन है जोधपुर का यह मंदिर

शहर के परकोटे के भीतर आडा बाजार जूनी मंडी में मूलत: गुरु गणपति का ऐसा अनूठा मंदिर है जो देश भर में ‘इश्किया’ गजानन जी मंदिर के रूप में ज्यादा लोकप्रिय है। मंदिर को ‘इश्किया’ गजानन की उपमा देने में जोधपुर के हथाइबाजों की अहम भूमिका है।

जोधपुरSep 04, 2019 / 12:25 pm

Harshwardhan bhati

ishqiya ganesh temple in jodhpur is 105 year old

हथाइबाजों की चर्चा से गुरु गणपति हो गए ‘इश्किया’ गजानन, 105 साल प्राचीन है जोधपुर का यह मंदिर

जोधपुर. शहर के परकोटे के भीतर आडा बाजार जूनी मंडी में मूलत: गुरु गणपति का ऐसा अनूठा मंदिर है जो देश भर में ‘इश्किया’ गजानन जी मंदिर के रूप में ज्यादा लोकप्रिय है। मंदिर को ‘इश्किया’ गजानन की उपमा देने में जोधपुर के हथाइबाजों की अहम भूमिका है। एक संकरी गली के अंतिम छोर पर करीब 105 साल प्राचीन मंदिर में स्थापित प्रतिमा जोधपुर के कमला नेहरू नगर क्षेत्र के गुरों का तालाब में खुदाई के दौरान मिली थी। तब वहां जैन मंदिर के गुरांसा मूर्ति को तांगे में रखकर लेकर घर आए और मूर्ति को एक चबूतरे पर रख दिया था।
करीब सौ वर्ष पूर्व गुरुवार के दिन गुरां सा लालचन्द्र भट्टारक ने मंदिर की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की थी तब से मंदिर का नाम गुरु गणपति ही है। क्षेत्र के बुजुर्गों के अनुसार सत्तर के दशक में जब फोन और सोशल मीडिया जैसी सुविधाएं नहीं थी और शहर का विस्तार भी नहीं हुआ था तब युवा वर्ग बड़े बुजुर्गों की मर्यादाओं का विशेष ख्याल रखते थे। भीतरी शहर के ही सगाई हो चुके कुछ युवा गणपति दर्शन के दौरान अपनी मंगेतर से कुछ क्षण बतियाने के लिए बुधवार को मंदिर पहुंचते थे। अंतिम छोर पर स्थित मंदिर की संकरी गली में आस-पड़ौस में भी कोई और निवास नहीं होने से किसी बड़े बुजुर्ग की नजरें भी नहीं पड़ती और बड़ों की मर्यादाओं का भी पालन हो जाता था।
यह बात आस-पास के कुछ हथाईबाजों के गले नहीं उतरी और गुरु गणपति मंदिर को ‘इश्किया गजानन’ के नाम से चर्चित कर दिया। मंदिर के संरक्षक व जीर्णोद्धारक 90 वर्षीय वैद्य बद्रीप्रसाद सारस्वत ने करीब 25 साल पहले माघ शुक्ल पंचमी को मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। मंदिर में गणेश चतुर्थी ही नहीं बल्कि प्रत्येक बुधवार शाम को मेले सा माहौल रहता है।

Hindi News / Jodhpur / हथाइबाजों की चर्चा से गुरु गणपति हो गए ‘इश्किया’ गजानन, 105 साल प्राचीन है जोधपुर का यह मंदिर

ट्रेंडिंग वीडियो