वर्तमान में झारखण्ड और बंगाल की खाड़ी के पास डीप डिप्रेशन बना हुआ है, जो धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़कर मध्यप्रदेश तक आएगा। इससे पूर्वी राजस्थान में हल्की बारिश की संभावना है। इस डिप्रेशन के खत्म होने के बाद एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन पूरी तरह कम होने की उम्मीद है, जिससे मानसून पीछे सरक जाएगा। पश्चिमी राजस्थान से मानसून के लौटने की सामान्य तिथि 17 सितम्बर है। इस बार मानसून लेट जाएगा।
सितम्बर में डिप्रेशन की गति हो जाती है कम
मानसून के समय में बंगाल की खाड़ी में लगातार कम दबाव के क्षेत्र यानी डिप्रेशन बनते रहते हैं, जो पूर्वी दिशा यानी झारखण्ड, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश होते हुए
राजस्थान तक आते हैं। कई बार डिप्रेशन इतने तीव्र होते हैं कि पाकिस्तान चले जाते हैं। इनसे अच्छी बारिश होती है। सितम्बर में पाकिस्तान से आने वाली पश्चिमी हवा के कारण डिप्रेशन की गति धीमी पड़ जाती है, जिससे वे लगातार कम दूरी तय करते हैं। यही मानसून का पीछे लौटना कहलाता है। मानसून के पीछे लौटने से हवा में मौजूद 80-90 प्रतिशत नमी एकदम से कम होकर 40-50 प्रतिशत पर आ जाएगी।
अब तक 60 प्रतिशत अधिक बारिश
- 60 प्रतिशत अब तक अधिक बारिश हो चुकी है राजस्थान में
- 668.5 मिलीमीटर पानी बरसा है अब तक प्रदेश में
- 151 प्रतिशत सर्वाधिक बारिश हुई है जैसलमेर में (425.4 मिमी)
- 1386.6 मिमी सर्वाधिक बारिश हुई है दौसा में (142 प्रतिशत)
- 04 प्रतिशत माइनस में बारिश है एकमात्र जिले झालावाड़ में
- 80 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है जोधपुर में (507.6 मिमी)
मानसून एक सप्ताह बाद लौटना शुरू कर सकता है। डीप डिप्रेशन के कारण पूर्वी हवाएं प्रभावी होने से एंटी साइक्लोन पूरी तरीके से अभी नहीं बन पा रहा है।
- आरएस शर्मा, निदेशक, भारतीय मौसम विभाग, जयपुर