बातों में आकर पीड़ित ने अनजान लिंक पर क्लिक कर एप डाउनलोड किया, जिसमें ऑनलाइन गैम्बिलिंग के तीन गेम थे। ऐप में आइडी पासवर्ड बनाकर एक गेम खेला गया, लेकिन मोबाइल नम्बर की लॉटरी राशि दिखाई नहीं दी। कुछ देर बाद 51 लाख रुपए बतौर क्रेडिट दिखाई देने लगे। लेकिन पहले मैसेज के जरिए अलग-अलग यूपीआई आइडी से रुपए जमा करवाने को कहा गया। 51 लाख रुपए हासिल करने के लालच में वह रुपए जमा करवाता रहा, लेकिन 51 लाख रुपए विड्रॉल करने पर रोक लगा रखी थी। मार्च 2022 में आइडी ब्लॉक कर दी गई। परिचित, मित्र व बैंकों से उधार लेकर करीब 65 लाख रुपए विभिन्न यूपीआइ आइडी से जमा करा दिए गए।