गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस वक्त साबरमती जेल में बंद है।
जोधपुर में मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 7 में मजिस्ट्रेट हर्षित हाड़ा की कोर्ट में लॉरेंस बिश्नोई ने सभी आरोपों को नकार दिया। लॉरेंस ने पूरे प्रकरण को झूठा बताते हुए पुलिस पर फर्जी कार्रवाई करते हुए फंसाने का आरोप लगाया। उसने कहा कि मैं उस वक्त जेल में बंद था। ऐसे में किसी को मोबाइल पर धमकाना संभव नहीं है। बता दें कि अधिवक्ता संजय बिश्नोई ने लॉरेंस का पक्ष रखा था।
आपको बता दें कि यह प्रकरण करीब 7 साल पुराना है। उस वक्त ट्रेवल्स व्यवसायी मनीष जैन को कथित रूप से लॉरेंस बिश्नोई ने फोन पर धमकाया और रंगदारी मांगी। इसके बाद दो आरोपियों ने मनीष जैन के कल्पतरु स्थित ऑफिस में घुसकर फायरिंग का भी प्रयास किया था।
हालांकि उस दौरान रिवॉल्वर में गोली फंस जाने के कारण फायरिंग नहीं हो पाई थी। इसके बाद मनीष जैन के घर पर फायरिंग की गई थी। वहीं मनीष जैन की कार को भी आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने मण्डोर थाने के हिस्ट्रीशीटर पवन सोलंकी को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया था। फायरिंग करने के बाद पुलिस लॉरेंस को पंजाब से भी जोधपुर लाई थी।