डोनर 33 वर्षीय विष्णु प्रसाद 11 दिसंबर को
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे। वह एक सड़क दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट का शिकार हुए थे। उनके हार्ट, दोनों किडनी व लिवर हेलिकॉप्टर से पहले जयपुर पहुंचे। जहां हार्ट व एक किडनी एसएमएस मेडिकल कॉलेज में मरीज को लगाई गई और इसके बाद उसी हेलीकॉप्टर से एक किडनी व लिवर एम्स जोधपुर लाए गए। हेलिकॉप्टर की लैंडिंग भी एम्स के पीछे गार्डन में करवाई गई, जिससे कि जल्द ही उसे क्लीनिकल ऑब्जर्वेशन में लिया जा सके।
अंगों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए एम्स जोधपुर की टीम का डॉ. पीयूष वाष्र्णेय, डॉ. सुभाष सोनी, डॉ. दीपक भीरूड और डॉ. जितेंद्र ने नेतृत्व किया। इनके साथ ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर कुलदीप सिंह, रमेश और नर्सिंग ऑफिसर मनीष, प्रवीण, दामोदर ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंगों की सुरक्षित प्राप्ति के लिए डॉ. शिवचरण नावरिया ने अनुमतियों के समन्वय और सुविधाओं उपलब्ध कराने में योगदान दिया। लिवर प्रत्यारोपण प्रक्रिया डॉ. वैभव वाष्र्णेय और उनकी टीम द्वारा की गई व किडनी प्रत्यारोपण डॉ. संधू और उनकी टीम द्वारा किया गया।
बीकानेर के मरीज को लगे अंग
यह लिवर व किडनी बीकानेर के एक 32 साल के मरीज को लगाए गए हैं। इस मरीज को आनुवांशिक बीमारी थी व ईएसआरडी किडनी फेलियर की समस्या थी। इसलिए ऐसे मरीज की तलाश थी, जिसके दोनों अंग दान में मिल सके। ऐसे में एक ही मरीज से दोनों अंग लेकर एक ही मरीज को दोनों अंग लगाए गए।