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जोधपुर

अधीक्षक व उप अधीक्षक पर लगाए आरोपों की जांच ठंडे बस्ते में

– डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय का मामला
– गत वर्ष 3 जुलाई को स्टाफ ने दी थी शिकायत

जोधपुरJun 28, 2019 / 05:18 pm

Arvind Singh Rajpurohit

dr sarvepalli radhakrishnan university complaint news

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय


जोधपुर. नागौर रोड करवड़ स्थित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कार्य करने वाले 30 से अधिक स्टाफ ने अधीक्षक व उप अधीक्षक पर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त करने सहित कई मुद्दों पर आरोप लगाए थे। जिसको लेकर पिछले वर्ष 3 जुलाई को तत्कालीन कुलसचिव को शिकायत भी दी गई थी। वर्तमान में मामले के लगभग एक वर्ष पूरा होने को है, लेकिन इसके बाद भी अभी तक जांच निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। जबकि शिकायत में स्टाफ ने कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। इसके बाद दो कुलसचिव भी बदल चुके हैं। जबकि अस्पताल में ही कार्य करने वाले कुछ स्टॉफ ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से जांच पूरी करने के बजाय स्टॉफ पर ही दवाब बनाया जा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार से जांच प्रक्रिया चल रही है।

यह था मामला
स्टॉफ की ओर से दी गई शिकायत में बताया गया था कि अस्पताल प्रशासन की ओर से उनसे बहिरंग विभाग में रोगी पंजीयन केंद्र पर केंद्रीय रोगी पंजीयन रजिस्टर में प्रतिदिन लगभग 200 से 220 मरीजों के नाम फर्जी तरीके से लिखवाए जा रहे हैं जबकि सामान्यत: वास्तविक रोगी संख्या 40 से 50 होती है। बहिरंग विभाग औषधि वितरण केंद्र में फर्जी तरीके से औषध वेतन रजिस्टर में औषध एवं रोगियों का संधारण करवाया जा रहा है जबकि वितरण की वास्तविक स्थिति 20 से 30 रोगी प्रतिदिन है। इसके अलावा अंतरंग विभाग में जो रोगी भर्ती है उनमें से लगभग 50 प्रतिशत रोगी केवल कागजों में चल रहे हैं। आपातकालीन चिकित्सा इकाई 20 से 30 रोगियों का पंजीयन करवाया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थिति शून्य है। इसके अलावा स्टाफ ने अधीक्षक एवं उपाधीक्षक के विरुद्ध शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त करने पद के अनुरूप कार्य नहीं होने के बावजूद स्टॉफ से कार्य करवाने के आरोप भी लगाए थे।

इन्होंने कहा-
इस मामले में अभी जांच चल रही है। मेरे उपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। आज से लगभग चार माह पूर्व अपना पक्ष कमेटी के समक्ष रख दिया था। जबकि शिकायत को लेकर कुछ दिन पहले ही स्टॉफ ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर बता दिया कि वो शिकायत गलती से दी गई थी।
ओमप्रकाश दवे, चिकित्सालय अध्यक्ष
इन्होंने कहा-
संभवत: स्टॉफ की ओर से दबाव बनाने के लिए इस तरह की शिकायत दी गई थी। शिकायत पूरी तरह से गलत है। फिर भी मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि उस समय पीजी स्टूडेंट व नर्सिंग स्टॉफ के बीच विवाद हुआ था।
परमानंद उपाध्याय, उप-अधीक्षक, चिकित्सालय

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