– स्टेशन करीब 10 साल पहले बना था।
– तीन साल पहले यहां ट्रेनों का ठहराव व रेलवे बुकिंग खिडक़ी थी।
– अभी जोधपुर-भोपाल एक्सप्रेस और जोधपुर-बिलाड़ा सवारी गाड़ी का प्रतिदिन ठहराव है।
1- प्लेटफ ार्म व टिकट खिडक़ी के समीप ही एक छोटा सा ढाई फ ीट चौड़ा व पांच फ ीट ऊंचाई का दरवाजा है। यह दरवाजा निजी सम्पत्ति में खुलता है। ऐसे में किसी व्यापारी की सहमति से यह रास्ता चल रहा है।
2- प्लेटफ ार्म के सहारे ही करीब आधा किलोमीटर एप्रोच रोड से होकर रेलवे पटरी पार कर मुख्य सडक़ तक जाना होता है।
कैंट स्टेशन के द्वार और एप्रोच रोड के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए नांदड़ी विकास समिति के नवलसिंह जोधा, श्याम नरुका, भंवर चारण, रुबीना खान, जमील खान, दिनेश राजपुरोहित, रामदयाल डूडी, शंकर चौधरी, भागीरथ विश्नोई, ओम वैष्णव व अन्य ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया। इनका कहना है कि स्टेशन का दरवाजा बन जाने से नांदडी, नांदडी खोखरिया, सारण नगर, डिगाड़ी, बीजेएस, गुजराबास आदि आसपास के क्षेत्रों के लाखों लोगों को सुविधा होगी।
कैंट रेलवे स्टेशन पर मुख्य द्वार बन जाने से यात्रियों को राहत होगी। रेलवे प्रशासन वहां यात्रियों के लिए सुविधा विकसित कर सकेगा।
– गोपाल शर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी, जोधपुर मंडल