ऐसे में ग्रामीण इलाकों के जो विद्यार्थी
विदेश में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टरल शोध कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए राज्य सरकार की यह योजना काफी महत्वपूर्ण है।
राजस्थान सरकार ने इस योजना का नाम ‘स्वामी विवेकानन्द स्कालरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना’ करते हुए कुछ बदलाव भी किए हैं। जिन छात्र-छात्राओं ने अर्हता परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, वे इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पढ़ाई के लिए 500 सीटें
राज्य सरकार की इस योजना में 500 सीटें होंगी, लेकिन विदेशी संस्थानों में पढ़ाई के लिए 300 सीटें ही रहेंगी। शेष 200 सीटों के लिए देश के ही शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई करवाई जाएगी। योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। योजना में राजस्थान के मेधावी विद्यार्थियों को देश-विदेश के विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अध्ययन के लिए स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरल कोर्सेज के लिए चयनित किया जाता है।
ट्यूशन फीस और रहने के खर्च के लिए भी छात्रवृत्ति
योजना का उद्देश्य राजस्थान के निवासियों को किसी भी विषय या पाठ्यक्रम में शीर्ष रैंक वाले विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान में उच्च अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना है। इसमें नवीनतम क्यूएस वल्र्ड रैंकिंग के अनुसार वैश्विक स्तर पर शीर्ष 150 विश्वविद्यालय और भारत के शीर्ष 50 संस्थान शामिल हैं। चयनित छात्रों को बेंच फीस (यदि लागू हो) सहित पूरी ट्यूशन फीस और रहने के खर्च के लिए भी छात्रवृत्ति मिलेगी।