दरअसल, निगम उत्तर के करीब 10 वार्ड ऐसे हैं जहां पर न तो निगम की टैक्सियां जा पाती हैं और न ही ऑटो टिपर। हैरत की बात है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में जोधपुर को नंबर वन पर लाने के लिए एक तरफ पूरे शहर में घर-घर कचरा संग्रहण के लिए दो-दो कंपनियों को कार्य दिया गया है, लेकिन जिन क्षेत्रों में गधों से कचरा परिवहन हो रहा है, वहां कोई नई व्यवस्था नहीं कर पाए।
विधायक ने की थी बोर्ड में सिफारिश
जोधपुर निगम उत्तर की बोर्ड बैठक में शहर विधायक अतुल भंसाली ने भी ‘गधों’ की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की थी। पिछले एक दशक से इन वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण का काम शुरू करने के पहले इसकी योजना नहीं बनाई।
गधों की संख्या बढ़ाई है
भीतरी शहर के पहाड़ी और संकरी गलियों में बसे हुए वार्डों में कचरा परिवहन के लिए गधों का टेंडर निकाला गया है। इस बार गधों की संख्या भी बढ़ाई गई है, ताकि सफाई में कोई परेशानी न हो। - अतुल प्रकाश, आयुक्त, नगर निगम उत्तर