थानाधिकारी अमित सिहाग के अनुसार अलवर में मंडावर तहसील के सिहाली खुर्द निवासी रश्मि (21) पुत्री रामनिवास यादव ने एम्स छात्रावास के कमरे में रात को पंखे पर फंदा लगा लिया। सहपाठी छात्राओं ने उसे फंदे पर लटका देखा। फिर उसे फंदे से नीचे उतारा व एम्स की आपातकालीन इकाई लेकर आए, जहां जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। देर रात थानाधिकारी सिहाग व अन्य अधिकारी एम्स पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर जांच शुरू की। प्रारम्भिक जांच व परिजन को सूचित करने के बाद शव को मोर्चरी में रखा गया है।
दो दिन पहले ही प्रथम वर्ष में प्रवेश एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अरविंद सिन्हा ने बताया कि रश्मि का हाल ही में एम्स एमबीबीएस के लिए चयन हुआ था। वह दो दिन पहले ही एम्स आई थी और 2018 सत्र के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। छात्रावास में दाखिला दिलाने के बाद माता-पिता उसे छोड़कर लौट गए थे। दो दिन बाद ही उसके जान देने के पीछे कारणों का पता नहीं लग पाया है। कमरे को सीज कर दिया गया है। संभवत: शुक्रवार को कमरे की जांच की जाएगी। तब ही किसी सुसाइड नोट के बारे में पता लग पाएगा।
एम्स में पहले भी हुए आत्महत्या के मामले – 7 जुलाई 2015 : जयपुर के फुलेरा निवासी एमबीबीएस छात्र गजेन्द्रसिंह (19) ने हॉस्टल रूम में फांसी लगाकर जान दे दी थी। तब गजेन्द्रसिंह ने मेडिकल फील्ड से मुक्ति पाने के लिए सुसाइड करना लिखा था।
– 16 दिसम्बर 2017 : एम्स हॉस्टल में
बाड़मेर जिले के बायतु निवासी एमबीबीएस के तृतीय सेमेस्टर के छात्र पाबूलाल (21) ने बालकॉनी से लटककर जान दे दी थी।