नई नौकरी पिछली जैसी ही होने तथा वैसे ही कौशल पर आधारित होने पर भी आवेदनों को विशेषज्ञता का पेशा नहीं होने का कारण बताते हुए रद्द किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस आधार पर करीब 25 प्रतिशत तक आवेदनों को निरस्त कर दिया जा रहा है।
10 साल की पाबंदी का भी लग रहा झटका
ऐसे मामलों में सबसे खराब स्थिति उन लोगों के सामने आ रही है, जिनके आवेदन खारिज करने की साथ ही उन्हें आउट ऑफ स्टेट्स भी घोषित किया जा रहा है। इसके चलते अमरीका में उनके प्रवेश पर तीन से 10 वर्ष की पाबंदी लग गई है।
कोर्ट से भी नहीं मिल रही है राहत
ऐसे ही एक मामले में अर्जी खारिज होने के बाद संघीय न्यायालय (फेडरल कोर्ट) का दरवाजा खटखटाने वाली एक भारतीय कर्मचारी को अदालत में भी निराशा हाथ लगी। कोर्ट ने यह कहते हुए मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया कि वह कोर्ट यह बताने में असफल रहीं कि एच-1 बी वीजा खारिज होने से उन्हें क्या आर्थिक नुकसान हुआ, इसलिए वह मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। उनकी याचिका में ज्यादातर इस बात पर जोर दिया गया है कि उन्हें भारत लौटने पर मजबूर किए जाने का क्या असर होगा।