टेलिकॉम सेक्टर में 30 लाख से ज्यादा नौकरियां एसोचेम और केपीएमजी के एक संयुक्त सर्वे में इस बात का दावा किया गया है कि 2018 तक टेलिकॉम सेक्टर में 30 लाख से ज्यादा नौकरियां होंगी। नौकरी से जुड़ी यह खबर तब आई है जब टेलिकॉम कंपनियां वित्तीय तनाव से जूझ रही हैं और टेलिकॉम कंपनियों में टैरिफ प्लान को लेकर जंग चल रही है।
भविष्य की प्रौद्योगिकी है मशीन टू मशीन
अध्ययन में कहा गया है कि टेलिकॉम क्षेत्र अभी एक ऐसी स्थिति में है जहां प्रति उपभोक्ता राजस्व में कमी आने के बाद भी वे आधारभूत संरचना तथा तकनीकी बेहतरी के लिए निवेश बढ़ाने को मजबूर हैं ताकि उनकी प्रतिस्पर्धिता बनी रहे।
अध्ययन में आगे कहा गया कि 5जी और मशीन टू मशीन जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकी तथा सूचना एवं संचार की तकनीक की उन्नति से वर्ष 2021 तक रोजगार के 8.7 लाख अवसर सृजित होने की संभावना है।
नई टेक्नॉलोजी के आने से मिलेंगे रोजगार
अध्ययन में यह बात सामने आई है कि देश में नई टेक्नॉलोजी के आने से टेलिकॉम सेक्टर में ज्यादा लोगों की आवश्यकता होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा समय में इस सेक्टर में काम कर रहे लोगों की स्कील और उनकी संख्या इन सबके लिए पर्याप्त नहीं है।
स्किल्ड मैनपावर की जरूरत
स्टडी के मुताबिक, ‘स्किल की कमी को पूरा करने की आवश्यक्ता है, जिसके लिए इंफ्रा और साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स, ऐप्लिकेशन डिवेलपर्स, सेल्स एग्जीक्युटिव्स, इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्निशन, हैंडसेट टेक्निशन आदि के रूप में स्किल्ड मैनपावर के पहचान की जरूरत होगी। इसके साथ ही मौजूदा तकनीक पर काम कर रहे लोगों को अपडेट करना होगा।’
रिपोर्ट के मुताबिक में कहा गया है, ‘टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स अपने नेटवर्क और इसके अधिक मॉर्डन बनाने में भारी निवेश कर रहे हैं। 2017 की पहली तीमाही में ऑपरेटर्स का पूंजीगत व्यय निवेश 85,003 करोड़ रुपये रहा।’
7.07 फीसदी की रफ्तार से विकास पिछले कुछ साल में दूरसंचार क्षेत्र का ग्राहक सदस्यता आधार पर सालाना 19.6 फीसदी की दर विस्तार हुआ है। जबकि इसी दौरान आय के नजरिए से सालाना 7.07 फीसदी की रफ्तार से विकास हुआ है।