अमरीका से मंगवाना पड़ता है
पिता ने बताया कि किसी सहारे से बैठ तो पा रही है, लेकिन खुद के बल चल नहीं सकती है। इस बीमारी की वजह से याम्या अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती है। डॉक्टरों ने कहा है कि इस बीमारी के इलाज के लिए जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगवाने की जरूरत है। इसे अमरीका से मंगवाना पड़ता है।
टीका की कीमत लगभग 16 करोड़
सुनील कुमार रघुनाथपुरा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। याम्या की मां ममता गुढ़ागौड़जी तहसील कार्यालय में राजस्व लेखाकार के पद पर कार्यरत है। इंजेक्शन (टीका) की कीमत लगभग 16 करोड़ है। इस बीमारी का इलाज लगभग 22 से 24 महीने की उम्र तक ही किया जाता है। याम्या लगभग 21 महीने की हो चुकी है। अब उनके पास इलाज के लिए कुछ महीने शेष रहे हैं। याम्या को टीका लगवाने में मात्र एक महीने का समय शेष रहा है। एक महीने में टीका नहीं लगेगा तो उनकी बेटी की जान को खतरा भी हो सकता है।
पूर्व मंत्री व विधायक आगे आए
याम्या के पिता ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित देश-प्रदेश की जनता से बेटी याम्या को बचाने की गुहार लगाई है। प्रदेश सरकार के राज-सम्बल पोर्टल पर भी याम्या की पूरी जानकारी अपलोड की है। आईपीएस विजय सिंह गुर्जर ने भी सहयोग की अपील की है। विधायक भगवानाराम सैनी, पूर्व चिकित्सा मंत्री राजकुमार शर्मा नवलगढ़, पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी सहित अनेक सहयोग की अपील कर रहे हैं।