जबकि उपखंड, तहसील व थाना सूरजगढ़ में है। वहीं पटवार मंडल सूरजगढ़ पंचायत समिति के फरट पंचायत में लगता है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण दो विधानसभा क्षेत्र के कार्यालय में अपने कार्यों को लेकर चक्कर लगाते फिर रहे है।
आखिरकार सरकार के इस परिसीमन को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा और रविवार को तीन गांव बिजौली, अमरसिंहपुरा, बिजौली का बास के ग्रामीणों ने बिजौली गांव के सार्वजनिक चौक में इन तीन गांवों को मिलाकर नई ग्राम पंचायत के गठन को लेकर सार्वजनिक रूप से तीन गांवों के सर्व समाज की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से बिजौली, बिजौली का बास व अमरसिंहपुरा गांवों को मिलाकर नई ग्राम पंचायत का निर्णय लिया गया। जिसके लिए 30 व्यक्तियों की संघर्ष समिति का गठन किया गया। वहीं राज्य सरकार को भी प्रस्ताव भिजवाया जाएगा। जनप्रतिनिधियों से मिलकर तीनों गांव की नवसृजित ग्राम पंचायत बनाने की मांग की जाएगी।
मांग नहीं माने जाने पर ग्रामीणों करेंगे आंदोलन व चुनाव का बहिष्कार
एडवोकेट रामेश्वर दयाल ने बताया कि रविवार को बिजौली गांव के सार्वजनिक चौक में हुई बैठक में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि अगर सरकार उनकी नई ग्राम पंचायत बनाने की मांग व परिसीमन कर सूरजगढ़ पंचायत समिति में नहीं जोडती है तो अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते हुए आने वाले पंचायत राज चुनाव का भी बहिष्कार किया जाएगा। एडवोकेट रामेश्वर दयाल ने बताया कि पिलानी उनके गांव से 25 किलोमीटर दूर है जबकि सूरजगढ़ 6 किलोमीटर पर है। मौके पर छगन सिंह शेखावत, चंदगीराम गोठिया, दयानंद पटवारी, इन्द्र सिंह शेखावत, बक्सीराम घत्तरवाल, राजकुमार अग्रवाल, अजय सिंह लमोरिया, तेजाराम प्रजापत, विजय सिंह पीटीआई, होशियार सिंह, एडवोकेट रणधीर सहित ग्रामीण मौजूद रहे।