वीरचक्र से सम्मानित
भारत-पाकिस्तान की 1948 की लड़ाई में 11 फरवरी 1948 को पापड़ा गांव के निवासी लादूराम जितरवाल शहीद हुए। शाहिद लादूराम जितरवाल को सेना ने वीरचक्र से सम्मानित किया था। वहीं पापड़ा के कानसिंहवाली ढ़ाणी निवासी सुरेश कुमार बड़सरा भी देश सेवा में पिछे नहीं रहे। बड़सरा 7 राज राइफल में राजौरी सेक्टर डडोत नाले में तैनाती के दौरान तीन आतंकवादियों को मारकर 21 नवबंर 2009 को शहीद हुए।
1971 व करगिल युद्ध में बेटों ने मनवाया लोहा
1971 व करगिल युद्ध में भी पापड़ा गांव के बेटों ने अपना जलवा दिखाया। 1971 युद्ध के योद्धा हवलदार हनुमान सिंह पायल व करगिल युद्ध में 22 ग्रेनेडियर की अल्फा कंपनी में तैनात पापड़ा के कैरोठ गांव के निवासी सेवानिवृत्त कैप्टन शेर सिंह यादव, 22 ग्रेनेडियर की अल्फा कंपनी में तैनात पापड़ा के कैरोठ गांव के निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार हरदयाल सिंह यादव करगिल युद्ध में बटालिक एरिया की जुबेर हिल पर तैनात होकर दुश्मन को अपना लोहा मनवाया था।
हर युवा में देश सेवा का जज्बा
पहाड़ी क्षेत्र के गांव पापड़ा के बेटे सेना में ब्रिगेडियर व कर्नल पद पर तैनात हैं। गांव के भानूप्रतापसिंह ब्रिगेडियर के पद तक पहुंचे। जागीराम मिठारवाल कर्नल के पद पर कार्यरत हैं। प्रमोद कुमार बड़सरा सेवानिवृत कर्नल हैं। दिनेश कुमार बड़सरा लेफ्टिनेंट के पद पर कार्य कर रहे हैं। युवराज सिंह शेखावत लेफ्टिनेंट है। इन्द्रराज रैपसवाल,सुरेश कुमार पायल डिप्टी कमांडेंट के पद कार्यरत हैं। विनोद कुमार बड़सरा, विरेन्द्रसिंह पायल, विक्रम बड़सरा, राज सिंह बड़सरा असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं। बेटियां भी नहीं रही पीछे
पापड़ा गांव की बेटी मोहना सिंह देश की पहली सेना की लड़ाकू विमान चालक बनी। मोहना सिंह सहित गांव की अन्य बेटियां भी देश सेवा में आगे हैं।