सरकार ने जुलाई 2013 में डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिन्हा को प्रथम कुलपति नियुक्त किया, मगर वे नहीं आए। करीब एक माह बाद फिर डॉ. एलएस राणावत को नया कुलपति बनाया गया। उन्होंने करीब 21 माह तक वेतन उठाया। उन्होंने विवि चलाया। यह विवि जयपुर स्थित एसएमएस स्टेडियम के एक कमरे में चला। यह कमरा भी अधिकतर समय बंद ही रहा। अब इस कमरे पर भी ताला जड़ दिया गया है।
फिर भाजपा की सरकार आई। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस ने खेल विवि के नाम पर युवाओं को गुमराह किया है। उन्होंने बजट घोषणा में कहा कि झुंझुनूं में खेल विवि नहीं, बल्कि उससे भी बड़ा राष्ट्रीय खेल संस्थान बनाया जाएगा। यह संस्थान पटियाला की तर्ज पर होगा। राज्य की सभी 15 खेल अकादमियों को इससे सम्बद्ध किया जाएगा। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। मौके पर अभी शिलान्यास तक नहीं हुआ।
जिले से सात विधायक हैं, लेकिन ढाई साल में एक भी विधायक ने विधानसभा में खेल विवि के बारे में सवाल नहीं उठाया। इनका कहना है
झुंझुनूं में खेल विवि खुलना चाहिए। विवि खुलने से युवाओं को फायदा होगा। उनके खेल में और सुधार होगा। उनको खेल की नई तकनीक सीखने को मिलेगी।
-दर्शन सिंह जोडिय़ा,
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, झुंझुनूं
श्रद्धानंद यादव, रणजी खिलाड़ी