यह कहते हुए महाराष्ट्र के अकोला जिले के गांव डोनगार से आए तुलसीदास के परिजनों की आंखें भर आई। उन्होंने बताया, तुलसीदास उर्फ गोलू (26)को कई जगह ढूंढा लेकिन वह नहीं मिला। भटकते-भटकते वह झुंझुनूं पहुंच गया। यहां राजकीय भगनवादास खेतान अस्पताल के सामने गली में पहुंच गया। वह कई दिनों से भूखा था। उसकी हालत देखकर पास ही भोजनालय चलाने वाले युवक रमेश कुमावत ने उसे खाना खिलाया। उसे नहलाया। कपड़े दिए, उससे नाम व पता पूछा। उसने कागज पर अपना नाम व पूरा पता लिख दिया। मोबाइल नंबर किसी के नहीं दे सका। इस पर रमेश ने अकोला थाने के फोन नंबर लेकर पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस टीम तुलसीदास के घर पहुंची तो फोटो देखकर परिजनों ने अपने लाडले को पहचान लिया। परिवार के सदस्य उसे लेने रविवार शाम को यहां आए। परिवार के सदस्यों को झुंझुनूं में देखकर उसने अपने पिता, चाचा सभी को पहचान लिया। परिवार के सदस्य गुमशुदा बेटे का आधार कार्ड भी लेकर आए। सोमवार को उसे अपने गांव ले गए। अपने लाडले को इस हाल में देखकर हर किसी की आंखे भर आई। हर कोई रमेश को दुआ देता रहा।
सहन नहीं कर पाया दोस्त की मौत
परिवार के सदस्यों ने बताया कि रमेश उर्फ गोलू बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण है। वह आसानी से बोल सकता है। एक दिन हादसे में उसके दोस्त की मौत हो गई।