यह संभव हुआ है गश्त, नाकाबंदी, बेहतर प्लानिंग और कड़ी मेहनत से। बेहतर पुलिसिंग की वजह से अपराध पर अंकुश लगाने में मदद मिल रही है। जिले में हर पुलिस थाने में एक-दो को छोडकऱ जिला स्तर, थाना स्तर पर टीमों का गठन कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। रातभर काटली नदी क्षेत्र और पहाड़ी क्षेत्रों में आरोपियों को पकडऩा चुनौती थी।
गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या के बाद हाई सिक्योरिटी जेल फिर चर्चा में, जानिए वजह
एसपी तेजपालसिंह, सीओ नवलगढ़, एसएचओ गुढ़ा, खेतड़ी समेत पूरी जिले की पुलिस की मेहनत ने यह कामयाबी दिलाई है। आरोपियों ने सीकर शहर निकलते ही अल्टो कार छोड़ दी थी। इसके बाद क्रेटा में सवार होकर फरार हो गए। क्रेटा को भी इन्होंने सराय सुरपुरा के पास छोड़ दिया था। इसके बाद से आरोपी लगातार भाग रहे थे।
पुलिस की हरियाणा बॉर्डर पर सख्ती और घेराबंदी काम आई
एएसपी डॉ. तेजपालसिंह ने बताया कि पुलिस की हरियाणा बॉर्डर पर की गई कड़ाई काम आई। यह तीसरा मामला है, जिसमें अपराधी झुंझुनूं जिले से हरियाणा में प्रवेश नहीं कर सके और वापस आने पर पुलिस की गिरफ्त में आ गए। गुन्नू अपहरण कांड के अपराधी के बाद राजू ठेहट हत्याकांड के अपराधियों को पुलिस ने बॉर्डर पार नहीं करने दिया गया।
राजू ठेहट के गैंगस्टर बनने की पूरी कहानी, अपराध की दुनिया में यूं रखा था कदम
सीकर में राजू ठेहट की हत्या कर भागे अपराधियों का इनपुट पुलिस को दोपहर करीब एक बजे उस समय मिला। आरोपियों ने बबाई में नाकाबंदी के दौरान फायरिंग की। नाकाबंदी में ग्रामीणों का भी सहयोग लिया गया। ऐसे में अपराधियों ने उदयपुरवाटी क्षेत्र का रास्ता पकड़ लिया। गुढ़ापौख के पास हरियाणा के तीनों अपराधी गाड़ी से उतर गए। मनीष और विक्रम गाड़ी लेकर हरियाणा जाने के लिए नीमकाथाना क्षेत्र में निकल गए।
साइबर इनपुट का रहा योगदान
आरोपियों के छिपने के बारे में मिली जानकारी में साइबर इनपुट का बड़ा योगदान रहा। पुलिस ने फुटेज के आधार पर आरोपियों की दिन में ही पहचान कर ली थी। ऐसे में पुलिस ने इनसे मिलने वालों पर नजर रखना शुरू कर दिया। इसी दौरान मोबाइल से हुई बातचीत से पुलिस को सुराग मिल गया। पुलिस ने रात दो बजे फार्म हाउस को घेर लिया। यहां से दोनों को गिरफ्तार कर हथियार बरामद किए गए। इसके बाद हरियाणा के तीनों आरोपियों को पहाड़ी से पकड़ा गया।