शुरुआत 26 अगस्त से
कार्यक्रम अधिकारी मनोज झाझडिया ने बताया कि दो- दो घण्टे के 4 सेशन हुए। 26 अगस्त को “नो बैग डे” के अन्तर्गत एक साथ पूरे जिले के समस्त राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों और बच्चों को प्रातः 8से 12बजे तक गुड टच-बैड टच के बारे में जागरूक किया जाएगा। कार्यशाला में संयुक्त निदेशक अनुसुईया सिंह व एडीपीसी समसा कमला कालेर ने भी विचार व्यक्त किए। एसआरजी राजबाला यादव ,राकेश कुलहरि ,चंद्रभान,गुलाबचन्द ,मुकेश, मधु मीणा व बबीता ने एक्सपर्ट के रूप में बच्चों को समझाने के आसान और व्यवहारिक तरीके बताए।
सभी जिम्मेदारी समझें यह संवेदनशीलता और मानवता का विषय है। इसे हम सब को व्यक्तिगत जिम्मेदारी माननी चाहिए। राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को गुड टच-बैड टच की समझ विकसित की जाएगी। इसका मकसद है कि बच्चों में होने वाली इस प्रकार की घटनाओं को प्रथम स्टेज पर ही रोका जा सके।
-प्रमेन्द्र कुल्हार, प्रभारी कार्यशाला
कई बार देखा गया है ऐसा करने वाला कोई परिचित व नजदीकी लोग ही होता है। वह कई बार बालक को डराता है कि किसी को कहा तो आपके माता-पिता के साथ गलत कर देंगे। लेकिन बालक डरें नहीं, अपने माता-पिता को बताएं। गलत हरकत किसी भी बच्चे के साथ हो सकती है। हम सबको मिलकर इसे रोकना होगा।