वही, मुस्लिम महापंचायत में आए कई वक्ताओं ने कहा कि हम मुसलमान कांग्रेस के वफादार है और आलाकमान को विधानसभा उपचुनाव में टिकट मुस्लिम समाज को देनी चाहिये।
हम वफादार कांग्रेसी हैं- चोपदार
महापंचायत में मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार ने कहा कि आजादी से लेकर आज तक जिले में कांग्रेस पार्टी ने हमें कभी भी विधानसभा का टिकट नहीं दिया, फिर भी हम वफादार कांग्रेसी हैं। चोपदार ने कहा कि मैंने आलाकमान से टिकट मांगी है और आज ऐलान कह रहा हूं कि अगर माननीय सांसद को मेरे से कोई अदावत या नाराजगी है तो मुझे टिकट मत दो, मगर मुस्लिम समाज की 30 बिरादारी में से किसी भी मुसलमान को टिकट दे दे, हम पार्टी के साथ है, उम्मीदवार को जीताकर विधानसभा में भेजेंगे। इन सीटों को दिया उदाहरण
कांग्रेस पार्टी को आइना दिखाते हुए एमडी चोपदार ने कहा कि, मुसलमान हमेशा से कांग्रेस के साथ रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने 1998 में एक मुस्लिम को कैंडिडेट बनाकर भेजा, लेकिन हमने कांग्रेस के लिए उसकी जमानत जब्त कर दी। 2008 में कांग्रेस के लिए अपने ही समाज के नेता की राजनीति हत्या कर दी।
मण्डावा में 2013 में सलीम तंवर ने बसपा से चुनाव लड़ा, हमने कांग्रेस का साथ दिया। फिर 2018 में सलीम तंवर ने मण्डावा विधानसभा से बीजेपी से चुनाव लड़ा, हमने कांग्रेस का साथ दिया और हमने अपने समाज के भाजपा के उम्मीदवार को हरवा दिया। उन्होंने आगे कहा कि वफादारी का एक और उदाहरण मुसलमानों ने 2018 के विधानसभा पेश किया, जहां टोंक से बीजेपी के प्रत्याशी यूनुस खान को हराकर कांग्रेस प्रत्याशी सचिव पायलट को जिताया, अब और कितनी वफादारी पेश करें।
‘हमने कभी जाति धर्म की बात नहीं की’
उन्होंने कहा कि हमने कभी जाति धर्म की बात नहीं की, हमने सिर्फ सिंबल देखा। पार्टी का सिंबल, जज्बा, वफादारी हमारे ही हिस्से में है, तो क्या कांग्रेस पार्टी का दायित्व नहीं बनता है कि उपचुनाव में मुसलमान को टिकट दे। हमारी वफादारी में कमी नहीं है। हरियाणा में मुसलमानों ने अपने 5 पांच उम्मीदवार जितवाए है।
इसके अलावा महापंचायत में मुस्लिम न्याय मंच के संयोजक ईमरान बड़गुजर ने स्वागतीय भाषण देते हुये कहा कि हम मुसलमान पार्टी के वफादार सिपाही है। हमारे सुख दुख में वर्तमान सांसद कभी भी नहीं आते है।