झुंझुनू

दीवार पर चढ़कर राजस्थान की बेटी जीत रही सोना-चांदी, सिंगापुर में भी दिखा चुकी कमाल

National Girl Child Day: दसवीं कक्षा की छात्रा मिस्का उत्तरकाशी में हुई 26वीं नेशनल प्रतियोगिता, बेंगलुरु में 27वीं नेशनल प्रतियोगिता और जमशेदपुर में एशियन किड्स चैंपियनशिप में भाग लेकर उल्लेखनीय प्रदर्शन कर चुकी हैं।

झुंझुनूJan 24, 2025 / 10:35 am

Rakesh Mishra

पत्रिका फोटो

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खालासी गांव की बेटी मिस्का चौधरी क्लाइंबिंग की प्रतियोगिता में स्टेट व नेशनल लेवल पर पदक जीत रही है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेल चुकी। इस प्रतियोगिता में तीन प्रकार के इवेंट होते हैं। इसमें वह दो इवेंट में शामिल होती हैं। दोनों में ही पदक जीत रही है। जबकि अधिकतर खिलाड़ी एक खेल के एक इवेंट में ही शामिल होते हैं।

एक ही प्रतियोगिता में दो पदक जीते

हाल ही में उन्होंने 18 से 20 जनवरी तक बेंगलुरु में आयोजित 28वीं नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग चैंपियनशिप 2025 में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। उसने बोल्डर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक और स्पीड क्लाइंबिंग में रजत पदक जीता। एक साथ एक ही प्रतियोगिता में दो पदक जीते। मिष्का के दादा जगदीश भड़िया ने बताया कि दसवीं कक्षा की छात्रा मिस्का उत्तरकाशी में हुई 26वीं नेशनल प्रतियोगिता, बेंगलुरु में 27वीं नेशनल प्रतियोगिता और जमशेदपुर में एशियन किड्स चैंपियनशिप में भाग लेकर उल्लेखनीय प्रदर्शन कर चुकी हैं।
इसके अलावा मिस्का सिंगापुर में आयोजित एशियन यूथ कप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी। आबूसर निवासी मिष्का के दादा फूलचंद चाहर ने बताया कि मिष्का की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे झुंझुनूं जिले के लिए गर्व का विषय है। उनकी इस सफलता से क्षेत्र में खेलों के प्रति नई प्रेरणा और ऊर्जा का संचार होगा। अब झुंझुनूं में भी खिलाड़ी इस खेल में आएंगे।

बेंगलुरु में तैयारी

यह खेल पूरे देश में प्रचलित है। राजस्थान में अभी इसका क्रेज कम है। मिस्का अभी इसकी तैयारी बेंगलुरु में कर रही है। राजस्थान में भी इस स्तर के मैदानों व एक्सपर्ट कोच की कमी है।

दीवार पर चढ़ने का बनाते हैं रेकॉर्ड

भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन भारत में राष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइबिंग चैंपियनशिप का आयोजन करता है। हर साल होने वाली इस चैंपियनशिप में बोल्डरिंग, स्पीड क्लाइबिंग और लीड क्लाइबिंग के तीन इवेंट होते हैं। जूनियर, सीनियर और सब जूनियर के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं। प्रतिभागियों को विशेष रूप से डिजाइन की गई कृत्रिम दीवारों पर चुनौतीपूर्ण रूट्स पर तय समय में चढ़ना पड़ता है।
स्पीड क्लाइबिंग में सबसे तेज समय हासिल करना होता है। बोल्डरिंग में कम प्रयासों में लक्ष्य तक पहुंचना होता है। लीड क्लाइबिंग में दीवार के सबसे ऊंचे बिंदु तक तय समय में पहुंचना होता है। मिस्का ने बताया कि इस खेल में आगे बढ़ाने में उसके पिता प्रदीप भड़िया व मां पूरा सहयोग रहता है।
यह भी पढ़ें

बजट पूरा फिर भी बेटियों को क्यों मिल रहा आधा हक? स्कूलों में नहीं मिल पाई अलग से टॉयलेट की सुविधा

संबंधित विषय:

Hindi News / Jhunjhunu / दीवार पर चढ़कर राजस्थान की बेटी जीत रही सोना-चांदी, सिंगापुर में भी दिखा चुकी कमाल

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.