इसलिए टूटा मलसीसर बांध
कुंभाराम नहर लिफ्ट परियोजना के तहत मीठा पानी देने के लिए मलसीसर में दो बांध बनाए गए हैं। करीब सौ हैक्टर भूमि पर बने बांध में दोपहर में मामूली रिसाव शुरू हुआ था। उस समय जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी इस ओर ध्यान देते तो मलसीसर बांध को टूटने और हजारों मिलियन लीटन पानी धोरों में बर्बाद होने से रोका जा सकता है, मगर लापरवाही के कारण छोटे से रिसाव ने कुछ देर बाद बांध की दीवार ही तोड़ दी और पानी तेज बहाव के साथ बाहर आने लगा।
करीब छह घंटे तक धोरों में हिमालय के मीठे पानी की नदी बहती रही। शुरुआत में पानी परियोजना के पम्प हाउस, क्लिोरिन हाउस आदि में घुसा फिर कुछ ही समय में पानी मलसीसर कस्बे के बाहरी क्षेत्र में बने उपखण्ड कार्यालय, पुलिस थाना, तहसील कार्यालय, विद्युत निगम के दफ्तरों में घुस गया और सभी सरकारी कार्यालय भी जलमग्न हो गए।
झुंझुनूं को सप्लाई हो रहा था पानी
कुंभाराम लिफ्ट परियोजना के पहले चरण में पिछले तीन माह से झुंझुनूं शहर को जलापूर्ति होने लगी थी। एक-दो दिन में मलसीसर कस्बे को इससे पानी दिया जाना था, मगर डेम टूट जाने के कारण अब इस प्रोजेक्ट के तहत तय समय पर पानी मुश्किल ही मिल पाए। परियोजना के तहत मलसीसर, खेतड़ी, झुंझुनूं, सीकर शहर समेत १४७३ गांवों को पानी दिया जाना है।
सब कुछ हो गया बर्बाद
बांध की क्षमता करीब १२ मीटर पानी की है। वर्तमान में डेम में ९ मीटर तक पानी भरा हुआ था। इसमें 44 हजार मिलियनलीटर पानी भरा हुआ था। जो पूरी तरह से बह कर नष्ट हो गया।
पानी के सामने फेल हुआ प्रबंधन
पानी के बहाव के सामने जिले का आपदा प्रंबंधन पूरी तरह से फैल नजर आया। सूचना पर सबसे पहले बिसाऊ एवं मलसीसर थानाधिकारी व तहसीलदार मौके पर पहुंचे। बाद में झुंझुनूं जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे।
यहां से दमकल और नगर परिषद की टीम भी मौके पर पहुंची। लेकिन सभी अधिकारी पानी के बहाव को देखने के अलावा कुछ नहीं कर सके। इस बीच प्रशासन ने जेसीबी सहायता से पानी को दूसरी तरफ भी निकाला। बाद में झुंझुनूं पुलिस लाइन से आरएसी, पुलिस का जाप्ता, मंडावा, मंड्रेला, सहित आसपास के थाने का पुलिस जाप्ता भी मौके पर पहुंचा।
इनका कहना है…
डेम टूटने के बाद अधिकारी एवं जयपुर से रैस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है। पानी को गांव के बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जेसीबी लगाई गई है। अभी तक किसी भी जन एवं पशुहानि के समाचार नहीं है। डेम में करीब ४४ हजार मिलियन लीटर पानी था जो बह गया है। रेस्क्यू जारी है।
-दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर झुंझुनूं