पुष्य नक्षत्र में खरीदी इसलिए शुभ
मिश्रा के अनुसार, पुष्य नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि हैं। वहीं पुष्य नक्षत्र के देवता गुरु बृहस्पति हैं। पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है। गुरु पुष्य योग ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ फलदायक होता है। गुरुपुष्य नक्षत्र को शुभ और महत्वपूर्ण योग माना जाता है। यह योग तब बनता है, है, जब गुरुवार (बृहस्पति) को पुष्य नक्षत्र में होता है। ये तीनो ही (गुरु ग्रह,गुरुवार और पुष्य नक्षत्र) धन, समृद्धि और ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए इन के संयोग से बनने वाला यह योग बेहद शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में सोना-चांदी के साथ अचल संपत्ति की खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है।
विजया दशमी और गुरु पुष्यमृत योग बनेगा स्थाई समृद्धि का योग
इस बार महाअष्टमी और दशहरे पर सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग बना रहेगा। 11 और 12 अक्टूबर को भी ये दोनों योग बन रहे हैं। मान्यता है कि ये शुभ योग अत्यंत फलदायी होते है। यह उन परिवारों के लिए भी शुभ समय है, जो लंबे समय से खरीदी के लिए शुभ संयोग का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए शादियों, त्योहारी सीजन के लिए भी इन शुभ योग में आभूषण, मकान प्लॉट के साथ ऑटोमोबाइल की खरीद करना शुभ रहेगा।