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झुंझुनू

जानें क्या है नया खेल कोड, राजस्थान में कब से लागू होगा

अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी खेल संघ का पदाधिकारी बनता है, तो उसे अपने विभाग से एनओसी लेनी होगी। साथ ही संघ या एसोसिएशन अध्यक्ष 12 साल तक ही पद पर रह सकेगा। झुंझुनूं जिले में कई खेल संगठन ऐसे हैं जहां पदाधिकारी बदलने होंगे।

झुंझुनूJun 20, 2024 / 12:34 pm

Rajesh

National Sports Development Code-2011

राजस्थान के झुंझुनूं में बना अंतरराष्ट्रीय स्तर का सिंथेटिक ट्रेक।

राजस्थान के सभी जिलों नेशनल स्पोर्ट्स डवलपमेंट कोड-2011 लागू किए जाने की तैयारी की गई है। सितबर तक यह कोड लागू किया जा सकता है। इसके बाद खेल संघों में कई सालों से जमे हुए पदाधिकारी अब हटेंगे। उनकी जगह दूसरों को मौका दिया जाएगा। साथ ही खेल संघों में अब पच्चीस फीसदी खिलाड़ियों को भी लिया जाएगा।
अब 70 साल से ज्यादा की उम्र वाले खेल संघों में पदाधिकारी नहीं बन सकेंगे। खेल संघ/एसोसिएशन में 25 फीसदी खिलाड़ी शामिल करना जरूरी होगा। खेल संघ में कोई पदाधिकारी आठ साल से ज्यादा नहीं रहेगा। आठ साल रहने के बाद उसे कम से कम 4 साल पद से दूर रहना होगा। अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी खेल संघ का पदाधिकारी बनता है, तो उसे अपने विभाग से एनओसी लेनी होगी। साथ ही संघ या एसोसिएशन अध्यक्ष 12 साल तक ही पद पर रह सकेगा। झुंझुनूं जिले में कई खेल संगठन ऐसे हैं जहां पदाधिकारी बदलने होंगे।

फीस की मनमानी भी रुकेगी

नए कोड के बाद खेल संघों की फीस की मनमानी भी रुकेगी। अभी रजिस्ट्रेशन फीस, एंट्री फीस, ऑनलाइन फीस सहित कई नामों से खिलाड़ियों से रुपए लिए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इस फीस की कोई रसीद नहीं दी जा रही। खिलाड़ी इसलिए शिकायत नहीं करते, क्योंकि यदि शिकायत कर दें तो खेल संघ वाले अगली बार उसका टीम में चयन नहीं करें। हालांकि ऐसा कुछ ही खेलों में हो रहा है। अधिकतर खेलों में फीस नियमानुसार ली जा रही है। कई जगह तो फीस नहीं ली जा रही है। लेकिन जहां ज्यादा ली जा रही है, वहां मनमानी नहीं होगी। क्योंकि उनको आय-व्यय का पूरा ब्योरा देना होगा।

एक ही खेल के कई संघ

राजस्थान में कई खेल ऐसे हैं, जिनके दो संघ चल रहे हैं। खिलाड़ी असमंजस में रहते हैं, किस संघ से खेलें और किस संघ से नहीं खेलें। अब जो खेल संघ या राज्य क्रीड़ा परिषद, ओलंपिक संघ या केंद्रीय खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन है, उनको ही कोड मिलेगा। खेल संघों को अपनी वार्षिक खेल गतिविधियों, चुनाव, कार्यकारिणी की जानकारी ऑनलाइन करनी होगी।

लागू नहीं किया तो मान्यता होगी रद्द

उक्त कोड भारतीय ओलंपिक संघ एवं युवा मामले और खेल मंत्रालय भारत सरकार ने बनाया वर्ष 2011 में बनाया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सकता। अब राज्य के खेल विभाग ने सभी राज्य एवं जिला संघ, फेडरेशन को इसे लागू करने के लिए 2 महीने का समय दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सितबर तक इसे लागू किया जा सकता है। लागू नहीं करने पर संघ-फेडरेशन की मान्यता रद्द होगी।

इनका कहना है

अब खेल संघों में पच्चीस फीसदी खिलाड़ियों को लिया जाएगा। इससे खिलाड़ियों को ज्यादा मौके मिलेंगे। खेलों को प्रोत्साहन मिलेगा।

जगदीप बराला, खिलाड़ी

युवाओं के हाथों में खेलों की बागडोर
खेल संघों में जो पदाधिकारी सत्तर साल के हो चुके, उनको हटाया जाएगा। युवाओं के हाथों में खेलों की बागडोर होगी। खेल कोड लागू होने से कई फायदे होंगे। शिवकरण जानू, अध्यक्ष खोखो संघ झुंझुनूं

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