टेंट लगा तो समझ में आया
डूमोली कलां में शहीद के परिवार वालों को मंगलवार को कोई जानकारी नहीं दी गई थी। बुधवार सुबह बिजेंद्र के पिता रामजीलाल घर के पास स्थित खेत में चले गए। उसी दौरान घर के बाहर टेंट लगाता देखा तो वह एकदम से कुछ समझ ही नहीं पाए। तब बिजेन्द्र के भाई दशरथ सिंह पिता के पास गए और उनसे लिपटकर रो पड़े। पिता रामजीलाल ने जैसे ही लाडले बेटे के शहादत की खबर सुनी, वह बिलख पड़े। फिर खुद को संभालते हुए बोले मुझे बेटे पर गर्व है। उसने उसने अपना फर्ज निभाया है, वह देश के लिए लड़ा है। उधर वीरांगना अंकिता अपने पति की पार्थिव देह के लिपटकर बेसुध हो गई। मां अपने बेटे के शव को दुलारती रही। बिजेन्द्र सिंह को उनके तीन साल के मासूम बेटे विहान ने मुखाग्नि दी। इस दौरान गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
बहन बोली : अब किसे बांधूंगी राखी
भैंसावता कलां में जैसे ही शहीद अजय सिंह की पार्थिव देह पहुंची, उनकी पत्नी शालू कंवर ताबूत से लिपटकर रो पड़ी। वह दो बार बेहोश होकर गिर पड़ी। बुआ की बेटी बहन का भी यही हाल हुआ, रक्षाबंधन से पहले भाई देह देखकर उसने कहा अब किसकी कलाई पर राखी बांधूंगी भैया…। अजय के पिता सेना से रिटायर हैं, उन्होंने सेना की टोपी पहनकर बेटे को सैल्यूट किया। उनकी आंख में आंसू थे तो बेटे की शहादत पर गर्व भी था। अजय के भाई करणवीर सिंह ने मुखाग्नि दी। केबीनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी अंत्येष्टी में शामिल होकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।