अफसर पहुंचे मौके पर
सुबह चिड़ावा नायब तहसीलदार बलवीर कुल्हरी, पटवारी लालचंद सैनी, आशीष झाझडिय़ा और खनन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सूचना पर ग्रामीण भी एकत्र हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ी में नियमित खनन किया जा रहा है। जिस कारण क्षेत्र से बाहर रास्ते के पास भी खनन किया गया। भारी ब्लॉस्टिंग और अवैध खनन के कारण रास्ते के नीचे जमीन खोखली हो गई। रात को अचानक भरभराकर मिट्टी खदान में गिर गई। उन्होंने बताया कि रात को रास्ता धंसने के कारण बड़ा हादसा टल गया। ग्रामीणों ने पहाड़ी में खनन और भारी ब्लॉस्टिंग पर रोक लगाने की मांग की।
दिनभर लोगों का आवागमन
नारी की पहाड़ी के पास से गुजर रहा रास्ता दर्जनभर से ज्यादा गांव-ढाणियों को जोड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि रात को हादसा हुआ, दिन में होता तो बड़ी जनहानी हो सकती थी। उन्होंने बताया कि इस रास्ते से नूनियां गोठड़ा, बृजलालपुरा, ओजटू, जोधा का बास, सुलताना, बारी का बास, मालुपुरा समेत अन्य गांव-ढाणियों का आवागमन रहता है। हालांकि ग्रामीणों से सुझबूझ दिखाते हुए रास्ते को दोनों तरफ से बंद कर दिया। रास्ता खुला रहता तो धूंध के कारण लोग गहरे गड्ढे में समा जाते।
रास्ते के बगल में गहरा खदान
नारी की पहाड़ी में लगातार खनन के कारण गहरे खदान बन चुके हैं। आम रास्ते के बगल में ही करीब डेढ़-दो सौ फीट गहरा खदान बना हुआ है। हालांकि सुरक्षा के तौर पर चारदीवारी का निर्माण किया गया था, जो कि रात को रास्ते के साथ ही खदान में समा गई। उधर, आवागमन को सुचारू रखने के लिए जेसीबी की मदद से दूसरा रास्ता बनाया गया।